उप्र : राज्यपाल ने सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर किया प्रतिमा का अनावरण
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को प्रदेश की प्रथम राज्यपाल सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर जिलाधिकारी आवास के सामने स्थित सरोजिनी नायडू पार्क में उनकी नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को प्रदेश की प्रथम राज्यपाल सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर जिलाधिकारी आवास के सामने स्थित सरोजिनी नायडू पार्क में उनकी नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने कहा कि सरोजिनी नायडू स्वाधीनता के बाद प्रथम महिला राज्यपाल बनी जब उत्तर प्रदेश को अवध प्रांत कहा जाता था। तीन वर्ष की आयु में सरोजिनी नायडू ने कविता लिखी, जो वास्तव में उनकी विदुषी होने का प्रमाण है। कविता जहां एक ओर मन को शांति और समाधान देती है वहीं कविता से प्रेरणा भी प्राप्त होती है। वह प्रखर वक्ता के साथ-साथ विभिन्न भाषाओं में पारंगत थीं। प्रभावी ढ़ग से अपनी बात रखना उनकी कुशलता थी। गांधीजी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। सरोजिनी नायडू कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही थीं।
राज्यपाल ने कहा कि निकट भविष्य में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। जनतंत्र में मतदाता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र मजबूत करने के लिये शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।
नाईक ने कहा कि जब वे 2015 में प्रथम बार आदर व्यक्त करने सरोजिनी नायडू पार्क आए तो देखा कि सरोजिनी नायडू की प्रतिमा के नाम पर केवल 'बस्ट' लगा था। राज्यपाल ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बस्ट के स्थान पर सरोजिनी नायडू की प्रतिमा लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू का बड़ा व्यक्तित्व रहा है और जिनका देहांत भी राजभवन में अपने कार्यकाल के समय हुआ हो, ऐसे व्यक्तित्व की प्रतिमा यहां अवश्य ही लगनी चाहिए। प्रतिमा से समाज में जागृति आती है। लोग प्रेरणा प्राप्त करते हैं, यही उनकी सार्थकता है।
राज्यपाल ने प्रतिमा स्थापित करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि लखनऊ में जगह-जगह महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। लविप्रा और नगर निगम दोनों संयुक्त रूप से उनके रखरखाव का कार्य करें।


