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विद्यालयों में बालिकाओं को 'सेनेटरी पैड' उपलब्ध कराएगी यूपी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने अब परिषदीय विद्यालयों में बालिकाओं की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने का फैसला लिया है

विद्यालयों में बालिकाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराएगी यूपी सरकार
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने अब परिषदीय विद्यालयों में बालिकाओं की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।

यूपी के 535 विद्यालयों में पढ़ने वाली कुल 36,772 छात्राओं के लिए 110.316 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई है। यह धनराशि संबंधित विद्यालय प्रबंधन समितियों द्वारा खर्च की जाएगी। वर्ष 2024-25 में चयनित पीएमश्री योजना से लगभग 535 उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। ये सभी छात्राएं कक्षा 6 से 8 में अध्ययनरत हैं।

बता दें कि इन विद्यालयों में पढ़ाई करने वाली अधिकांश छात्राएं ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। उन्हें सेनेटरी पैड और उसके उपयोग के बारे में कम जानकारी है। योगी सरकार का यह कदम बालिकाओं की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए एक ठोस पहल माना जा रहा है।

बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के निर्देश पर सेनेटरी पैड की खरीद में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

निर्देश के अनुसार, बजट प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर ही सेनेटरी पैड को संबंधित विद्यालय समितियों को वितरित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, ब्लॉक स्तर पर प्रधानाध्यापकों की बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। सेनेटरी पैड की खरीद और वितरण के लिए विद्यालय स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, प्रधानाध्यापक, महिला शिक्षिका, आईसीडीएस सुपरवाइजर और एक एएनएम सदस्य के रूप में शामिल होंगी।

यह योजना न केवल बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने का एक माध्यम है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे कक्षा 6 से 8 की छात्राओं की नियमित उपस्थिति और उनकी शिक्षा में सुधार होने की उम्मीद है।


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