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यूपी सरकार ने किया ‘‘खेल साथी पोर्टल’’ का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को युवा खिलाड़ियों की मदद के लिए "खेल साथी पोर्टल’’ का शुभारंभ कर दिया

यूपी सरकार ने किया ‘‘खेल साथी पोर्टल’’ का शुभारंभ
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को युवा खिलाड़ियों की मदद के लिए "खेल साथी पोर्टल’’ का शुभारंभ कर दिया। खेल विभाग द्वारा नोडल एजेंसी यूपीडेस्को तथा सेवा प्रदाता ओमनी नेट-टेक्नोलॉजी प्रालि. के समन्वय से खेल साथी पोर्टल को सफल रूप से विकसित किया गया है। खेल साथी पोर्टल को खेल साथी डॉट इन डोमेन से लाइव किया गया है।

इस पोर्टल को उत्तर प्रदेश मूल के राष्ट्रीय खिलाड़ियों, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों, पूर्व खिलाड़ियों तथा सामान्य नागरिकों द्वारा विभिन्न सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा सकेगा। मूलतः पोर्टल का उद्देश्य उन खिलाड़ियों को लाभ पहुंचाना है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी हैं।

उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में ‘‘खेल साथी पोर्टल’’ का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य की खेल प्रतिभा को विश्व पटल पर लाने, युवाओं एवं राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को बढ़ावा देने तथा प्रदेश के खेल क्षेत्र को नए आयाम तक पहुंचाने के लिए ‘‘खेल साथी पोर्टल’’ खेलसाथी को लांच किया गया है।

खेल मंत्री ने कहा कि हमारा विश्वास है कि खेल साथी पोर्टल उत्तर प्रदेश मूल के खिलाड़ियों व नागरिकों के लिए उपयोगी साबित होगा एवं उन्हें बेहतर रोजगार व खेल क्षेत्र में अवसर प्रदान करने में अनुकूल सिद्ध होगा। आने वाले समय में विभाग द्वारा अन्य सेवाओं को भी खेल साथी पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए ऑनलाइन किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव (खेल एवं युवा कल्याण) डॉ. नवनीत सहगल ने पोर्टल की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि खेल साथी पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी प्रदेश सरकार से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए नामांकन भर सकते हैं। वित्तीय सहायता एवं मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्व खिलाड़ियों द्वारा आवेदन किया जा सकता है। राजपत्रित अधिकारी के रूप में सीधी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश खेल विभाग के अधीन संचालित स्पोर्ट्स कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकता है। छात्र छात्रावास आवंटन के लिए आवेदन भी कर सकते हैं।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यह पोर्टल लाभार्थियों को ऑनलाइन पंजीकरण करने, लॉग-इन करने एवं उनके अधिवास, खेल, व्यवसाय, शैक्षणिक व अन्य प्रासंगिक विवरण को ऑनलाइन दर्ज करने में सहायक है। आवेदन प्रपत्र दर्ज हो जाने के पश्चात, आवेदन आगे की कार्रवाई के लिए उत्तर प्रदेश खेल विभाग के संबंधित अधिकारी के लॉग-इन पर अग्रेषित हो जाता है। सक्षम अधिकारी द्वारा अपने लॉग-इन के माध्यम से आवेदन के सापेक्ष लिए गए निर्णय से आवेदक के लॉग-इन पर तथा एसएमएस व ईमेल के माध्यम से आवेदक को स्वतः सूचित हो जाता है। किसी भी आपत्ति/संशय स्थिति में लाभार्थियों व विभागीय अधिकारियों के लिए तकनीकी सहायता के लिए टेक्निकल हेल्पलाइन की भी सुविधा प्रदान की गई है, जिसका निस्तारण सेवा प्रदाता व सक्षम अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्द किया जाएगा।

डॉ. सहगल ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से इस पोर्टल का सिक्योरिटी ऑडिट भी पूर्ण कराया गया है तथा विभिन्न चरणों पर एमएमएस व ईमेल के माध्यम से सत्यापन का प्रावधान भी किया गया है। इसके अतिरिक्त, उपयोगकर्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को हिंदी व अंग्रजी भाषा में विकसित किया गया है तथा पोर्टल को रेस्पॉन्सिव भी बनाया गया है, जिससे यह किसी भी डिवाइस (कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टेबलेट व अन्य डिवाइस) में आसानी से खुल सके एवं लाभार्थियों द्वारा पोर्टल के उपयोग के समय होने वाली समस्याओं को शून्य या न्यूनतम किया जा सके।


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