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यूपी सरकार ने  हेलमेट और सीट बेल्ट दिवस मनाने का फैसला किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलमेट और सीट -बेल्ट दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।

यूपी सरकार ने  हेलमेट और सीट बेल्ट दिवस मनाने का फैसला किया
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क पर लापरवाही से गाडी चलाने वालों पर नकेल कसने और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के सिलसिले पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सप्ताह के हर बुधवार को हेलमेट और सीट -बेल्ट दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।

परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि विभागीय अधिकारी सप्ताह के हर बुधवार सख्ती से जांच करेंगे कि दोपहिया वाहन पर सवार और पीछे बैठने वाले ने भी हेलमेट पहना है या नहीं । इसी तरह से कार सवारों ने सीट बेल्ट लगायी है या नहीं इसकी भी जांच की जायेगी।

उन्होंने बताया कि राज्य में दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले के लिए भी हेल्मेट पहनना अनिवार्य है। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा अप्रैल 2014 में बनायी गयी तीन सदस्यीय समिति द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।


देश में हर साल करीब डेढ लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं मे मारे जाते हैं। इस तरह की दुर्घटनाओं पर लगाम लागने के लिए यह समिति लगातार इस बात पर नजर रखती है कि सड़क सुरक्षा के लिए बनाये गये नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। इतना ही नहीं दुर्घटना में हताहत हुए लोगों को चिकित्सीय सहायता भी जल्द से जल्द मिल सके इस पर भी समिति हर तीन माह में बैठक कर जानकारी हासिल करती है।

उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति ने राज्य मे लगातार बढ रही सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए इस साल सात सितम्बर में राज्य सरकार को दो महीने का समय दिया था।

इस उच्च स्तरीय समिति ने यह भी चेतावनी दी थी कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में कामयाब नहीं होती है तो इसकी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को दी जायेगी।

समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा था कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए वह जो भी सम्भव हो वह सभी उपाय और कानून प्रभावी तरीके से बनाये।

समिति ने पिछले तीन महीनों मे यातायात के नियमों की धज्जियां उडाने वालों के खिलाफ की गयी कार्रवाई पर असंतोष जताया था साथ ही कहा था कि तय सीमा से अधिक गति से वाहन चलाने वालों ,शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों या ऐसे ही अन्य तरीकों से नियमों का उल्लंघन करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस कम से कम तीन महीने के लिए तो निरस्त किया ही जाना चाहिए।


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