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यूपी जीआईएस 23 : निवेशकों को भा रहा हेल्प डेस्क सिस्टम, बाराबंकी मॉडल बना नजीर

इन्वेस्टर्स समिट को लेकर बाराबंकी मॉडल की तारीफ कर चुके हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

यूपी जीआईएस 23 : निवेशकों को भा रहा हेल्प डेस्क सिस्टम, बाराबंकी मॉडल बना नजीर
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  • बाराबंकी टीम ने निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए बनाया मास्टर प्लान

  • निवेशकों से समन्वय स्थापित करने के लिए जिला उद्योग विभाग ने बनाई हेल्प डेस्क

  • पहली बार निवेशकों की समस्या और जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने को बनाया गया व्हाट्सएप ग्रुप

बाराबंकी/ लखनऊ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले जनपद स्तर पर निवेशकों को प्रोत्साहित करने की पहल करते हुए बाराबंकी ने 867.2 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त करके एक मिसाल कायम की थी। अब इस निवेश को धरातल पर लाने के लिए भी युद्धस्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

अधिकारियों द्वारा उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र में हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है। इसके माध्यम से निवेशकों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्हें हर संभव मदद भी मुहैया कराई जा रही है। यह हेल्प डेस्क फैसिलिटेशन सेल के रूप में कार्य कर रही है और इसके माध्यम से निवेशकों की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। वहीं बाराबंकी डीएम की ओर से शुरू की गई इस पहल की उद्यमी भी काफी सराहना कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बाराबंकी ने 19 दिसंबर को इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से करीब 867.2 करोड़ के एमओयू साइन किए थे जो लक्ष्य से भी अधिक थे। बाराबंकी की इस पहल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी काफी प्रभावित हुए हैं और इसी के फलस्वरूप उन्होंने अब सभी जनपदों और विभागों में भी स्थानीय स्तर पर निवेश बैठकें आयोजित करने का आदेश दिया है।

निवेशकों की समस्याओं का कर रहे समाधान

जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि अब तक उद्योग विभाग को जिले में निवेश के लिए 53 यूनिट के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके है, जिसमें 50 यूनिट ने शिखर सम्मेलन में एमओयू साइन किया था। उन्होंने बताया कि विभाग की डिप्टी कमिश्नर शिवानी सिंह की अगुवाई में हेल्प डेस्क की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके माध्यम से भी उन्हें कई निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

हेल्प डेस्क के सुचारू रूप से संचालन के लिए सहायक आयुक्त उद्योग को नोडल एवं सहायक प्रबंधक उद्योग आलोक सिंह को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनकी ओर से निवेशकों को फोन करके निवेश से संबंधी जानकारी के साथ निवेशकों की समस्याओं को नोट किया जा रहा है।

इसके बाद उच्च अधिकारी के साथ संबंधी समस्या पर चर्चा करके निवेशकों को उसके समाधान से अवगत करा रहे हैं। इसके साथ ही हेल्प डेस्क के माध्यम से विभाग निवेशकों की जरूरतों को फिलहाल समझ रहा है। हेल्प डेस्क के लिए तीन नंबर 05248297051, 9452063464 और 9936246007 जारी किए गये हैं।

समन्वय के लिए पहली बार बनाया गया व्हाट्सएप ग्रुप

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि निवेशकों से लगातार संपर्क बना रहे हैं, इसके लिए पहली बार व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें विभाग के साथ अन्य विभाग के अधिकारियों और निवेशकों को जोड़ा गया है ताकि निवेशक व्हाट्सएप ग्रुप पर भी अपनी बात रख सकें।

इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को किसी भी विभाग से कोई जानकारी या समस्या होने पर उसे विभाग के अधिकारी द्वारा तत्काल दूर किया जा सके, जिसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है।

उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में ज्यादात्तर उद्यमी लैंड को लेकर जानकारी हासिल कर रहे हैं। ऐसे में जिलाधिकारी की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो जिले में कम रेट पर जमीन दिलवाने के लिए सर्वे कर रही है। साथ ही निवेशकों को भी अपने स्तर पर 50 से 70 बीघा जमीन की जानकारी होने पर विभाग को अवगत कराने के लिए कहा गया है, जिससे निवेश प्रस्ताव को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जा सके।

वहीं जिलाधिकारी ने उद्यमियों को जमीन उपलब्ध होने पर शासन स्तर पर उद्यम शुरू करने के लिए जरूरी आवश्यकता को पूरा कराने की बात कही है।


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