उप्र : फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने वाले 4 जालसाज गिरफ्तार
लखनऊ पुलिस और अपराध शाखा की संयुक्त टीम ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाकर मोटी कमाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया

लखनऊ। लखनऊ पुलिस और अपराध शाखा की संयुक्त टीम ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाकर मोटी कमाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। साथ ही गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दास्तावेज, प्रिंटर, लैपटॉप सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं।
एसएसपी दीपक कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया, "कई दिनों से फर्जी मार्कशीट बनाए जाने की खबरें मिल रही थी, जिस पर अपराध एएसपी दिनेश कुमार सिंह को इन्हें पकड़ने के निर्देश दिए गए थे। काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम नाम का शख्स अपने बेटे सत्येंद्र प्रताप सिंह उर्फ भीम और भतीजे नकुल प्रताप सिंह के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट बनाकर भोले-भाले युवकों से मोटी रकम ऐंठ रहा है।"
एसएसपी ने कहा कि इस सूचना पर गहन पड़ताल शुरू की गई तो पता चला कि काम को अंजाम देने वाले दो ही नहीं बल्कि कई लोग हैं। उनके कुछ साथी कैसरबाग स्थित सेठी कॉम्पेक्स के प्रथम तल पर कार्यालय खोल फर्जी मार्कशीट बनाने का धंधा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इस सूचना पर पुलिस ने रविवार शाम वहां छापा मारा और चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से भारतीय विद्यालय शिक्षा संस्थान, राजकीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान, बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन, राज्य मुक्त विद्यालय परिषद, कूटरचित सरकारी गजट, महाकौशल आयुर्वेदिक बोर्ड जबलपुर, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षण संस्थान के फर्जी अंकपत्र, मार्कशीट बनाने वाला पेपर, इंक, स्कैनर, लैपटॉप, कई संस्थानों की फर्जी मोहरें भी पुलिस ने बरामद किया।"
एसएसपी ने बताया कि बदमाशों की पहचान अमित सिसौदिया, शाही अहमद, विकास श्रीस्वातव और खालिद कादरी के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया, "गिरोह का सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम है, जो फिलहाल राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिला कारागार में फर्जी अंकपत्र के आरोप में जेल में बंद है और जेल से ही अपना धंधा चलाता है। इसमें उसका बेटा सत्येंद्र प्रताप सिंह उर्फ भीम और भतीजा नकुल प्रताप सिंह भी उसका साथ दे रहे हैं। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है।"


