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यूपी चुनाव : 16 जिलों की 59 विधानसभा सीट पर मतदान शुरू, अखिलेश और एसपी सिंह बघेल समेत 627 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर

तीसरे चरण के तहत उत्तर प्रदेश के 16 जिलों की 59 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है

यूपी चुनाव : 16 जिलों की 59 विधानसभा सीट पर मतदान शुरू, अखिलेश और एसपी सिंह बघेल समेत 627 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर
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करहल/ मैनपुरी। तीसरे चरण के तहत उत्तर प्रदेश के 16 जिलों की 59 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। सुबह 7 बजे से ही मतदाताओं ने अपने-अपने घरों से निकलकर मतदान स्थल पर पहुंच कर नई सरकार के चुनाव के लिए अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। यह मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा।

मैनपुरी, इटावा, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, फरूखाबाद, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिले के मतदाता 627 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं।

आपको बता दें कि, इन 16 जिलों को आमतौर पर समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में इन 59 सीटों में से 49 सीटें जीतकर भाजपा ने सपा को गहरा धक्का पहुंचाया था। 2017 में सपा इन 59 सीटों में से केवल 9 सीटें ही जीत पाई थी।

तीसरे चरण के मतदान वाली 59 सीटों में से सबसे ज्यादा निगाहें जिस सीट पर लगी है वह मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने इसके लिए अपने परिवार और पार्टी का गढ़ माने जाने वाली सबसे मजबूत सीट करहल को चुना है लेकिन भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री और एक जमाने में मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे एसपी सिंह बघेल को चुनावी मैदान में उतार कर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।

रविवार को चल रहे मतदान में जिन अन्य दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला होना है उसमें अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भी शामिल है जो इटावा जिले की जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

योगी सरकार के मंत्री सतीश महाना, नीलिमा कटियार, पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण,

बसपा से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए रामवीर उपाध्याय, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद समेत 627 उम्मीदवारों की किस्मत रविवार को ईवीएम मशीन में कैद हो रही है।

जनता ने किसे अपना समर्थन दिया है और किसे खारिज कर दिया है , यह तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा लेकिन इतना तो तय है कि करहल समेत इन 59 सीटों पर जो भी नतीजा आएगा, उसका प्रभाव लंबे समय तक पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर आएगा।


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