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योगी सरकार में यूपी डेटा सेंटर का हब, खोले जाएंगे सात और सेंटर

उत्तर प्रदेश जल्द ही डेटा सेंटर का हब बनने जा रहा है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में खुले यूपी के पहले डेटा सेंटर के बाद अब योगी सरकार ने सूबे में सात और डेटा सेंटर खोलने का फैसला किया है

योगी सरकार में यूपी डेटा सेंटर का हब, खोले जाएंगे सात और सेंटर
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश जल्द ही डेटा सेंटर का हब बनने जा रहा है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में खुले यूपी के पहले डेटा सेंटर के बाद अब योगी सरकार ने सूबे में सात और डेटा सेंटर खोलने का फैसला किया है। इस तरह ग्रेटर नोएडा के डेटा सेंटर को मिलाकर कुल 8 डेटा सेंटर हो जाएंगे। इसके लिए डेटा सेंटर 2021 नीति में संशोधनों के प्रस्ताव को प्रदेश मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गई है। अब नोएडा व ग्रेटर नोएडा के अलावा अन्य जनपदों में भी डेटा सेंटर खुल सकेंगे। ये डेटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में खुले नए डेटा सेंटर की क्षमता से कम होंगे।

सरकार इन सभी डेटा सेंटर के लिए भूमि अनुदान की व्यवस्था करेगी। साथ ही डुएल फीडर की सप्लाई में एक फीडर की सप्लाई का खर्च वहन करेगी। गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को आईटी विभाग से संबंधित दो प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। ग्लोबल इनवेस्टर समिट से पहले सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि विभाग अपनी नीतियों में लक्ष्य के अनुरूप बदलाव करें, ताकि न सिर्फ वो अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर हों बल्कि निवेशकों के अनुरूप भी हों। इसी के तहत यह फैसला लिया गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स) अरविंद कुमार ने बताया कि डेटा सेंटर पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। वन ट्रिलियन इकॉनमी के ²ष्टिगत जो दिक्कतें इसमें आ रही हैं, उन्हें संशोधनों के जरिए दूर किया गया है। डेटा सेंटर पॉलिसी के तहत जो लक्ष्य तय किए गए थे, वो हमने समय से पहले ही हासिल कर लिए हैं, इसलिए उन लक्ष्यों को बढ़ाया जा रहा है। जैसे एक लक्ष्य तय किया गया था कि डेटा सेंटर में हम 250 मेगावॉट की कैपेसिटी लेकर आएंगे, लेकिन 636 मेगावॉट की कैपेसिटी के डेटा सेंटर के प्रस्ताव आ गए हैं।

ऐसे में हमने लक्ष्य को बढ़ाकर 900 मेगावॉट के डेटा सेंटर को लाभ प्रदान करेंगे। इसके अलावा छोटे डेटा सेंटर की भी नीति बनाई गई है ताकि डेटा सेंटर का प्रसार बाकी जनपदों में भी हो सके। भले ही वो डेटा सेंटर नोएडा के स्केल के ना भी हों तब भी उन्हें मंजूरी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा डेटा सेंटर के लिए एफएआर की परिभाषा में भी बदलाव किया है, ताकि नक्शे जल्दी पास हो सकें।

पार्शियल कंप्लीशन की व्यवस्था दी गई है, जबकि बिजली कनेक्शन को लेकर भी सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डेटा सेंटर की फील्ड में भी दस करोड़ रुपए तक की फंडिंग की जाएगी।

राज्य में तीन नए विश्वविद्यालयों को मंजूरी दे दी है। इसमें कर्नाटक का विख्यात जेएसएस विश्वविद्यालय नोएडा में, एसडी सिंह विश्वविद्यालय फतेहगढ़-फरूर्खाबाद में और एसडीजीआई ग्लोबल विश्वविद्यालय गाजियाबाद में खोला जाएगा। इन तीनों विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी कर दिए गए हैं। यानी प्रदेश में तीन नए विश्वविद्यालयों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही कई अन्य विश्वविद्यालयों को भी मंजूरी दी जा सकेगी।


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