उप्र : सांसदों एवं विधानमण्डल के सदस्यों के प्रति शिष्टाचार बरतें अधिकारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को सांसदों तथा विधानमण्डल के सदस्यों के प्रति सामान्य शिष्टाचार एवं प्रोटोकाॅल का समुचित रूप से पालन कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को सांसदों तथा विधानमण्डल के सदस्यों के प्रति सामान्य शिष्टाचार एवं प्रोटोकाॅल का समुचित रूप से पालन कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस सम्बन्ध में कतिपय न्यूज चैनलों द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर ऐसे समाचार प्रसारित किये गये, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि नवीन शासनादेश के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा वी0आई0पी0 संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सरकारी प्रवक्ता ने ऐसे सभी समाचारों को तथ्यों से परे बताया है।
प्रवक्ता के अनुसार मुख्य सचिव द्वारा गत 14 नवम्बर 2007 से 19 सितम्बर 2017 को पूर्व निर्गत शासनादेशों की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए यह कहा गया कि प्रश्तगत विषय में निरन्तर दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद शासन के संज्ञान में यह आया है कि इस संसद सदस्यों एवं राज्य विधानमण्डल के सदस्यों के प्रति सामान्य शिष्टाचार एवं अनुमन्य प्रोटोकाॅल एवं सौजन्य-प्रदर्शन का पालन समुचित रूप से नहीं किया जा रहा है और इस संबंध में शिकायतें प्राप्त होती रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। वे अपने-अपने क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोगों की समस्याओं एवं जरूरतों के सम्बन्ध में इन जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों से सम्पर्क करना पड़ता है।
जनता से जुड़े कार्य सुगमता से सम्पन्न हो सके, इसके दृष्टिगत मुख्य सचिव द्वारा पहले से जारी शासनादेशों का हवाला देते हुए अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों का सम्मान कर इनकी बातों को प्राथमिकता पर सुनने की अपेक्षा की गयी है।


