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उप्र : मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की मदद के लिए बनाए गए अभा एप का प्रस्तुतिकरण देखा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अवास पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग के आभा एप तथा श्रम विभाग के 'रोजगार जंक्शन पोर्टल' व 'सेवा मित्र' मोबाइल एप की प्रस्तुतिकरण को देखा

उप्र : मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की मदद के लिए बनाए गए अभा एप का प्रस्तुतिकरण देखा
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने अवास पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विभाग के आभा (आत्मनिर्भर भारत) एप तथा श्रम विभाग के 'रोजगार जंक्शन पोर्टल' व 'सेवा मित्र' मोबाइल एप की प्रस्तुतिकरण को देखा। इन सभी का उद्देश्य श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि एप व पोर्टल में अन्य राज्यों से वापस आए श्रमिकों व कामगारों सहित राज्य के सभी श्रमिकों व कामगारों के पंजीकरण की व्यवस्था होनी चाहिए।

अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास एस़ राधा चौहान ने बताया कि "एप में स्किल मैपिंग की सुविधा के साथ ही, श्रमिक-कामगार के लिए प्रशिक्षण हेतु पंजीकरण की सुविधा भी है। श्रमिकों को 50 ट्रेड्स में कौशल प्रशिक्षण का विकल्प है। इसमें से वरीयता अनुसार किन्हीं 3 ट्रेड्स का चुनाव किया जा सकता है। इसके अलावा, एप में जानकारीपरक वीडियोज दिए गए हैं। एप के माध्यम से श्रमिक कल्याण की शासकीय योजनाओं के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।"

उन्होंने बताया कि एप को निरंतर विकसित किया जाता रहेगा। इससे समय के साथ यह श्रमिकों के लिए और उपयोगी बन जाएगा।

प्रशिक्षण एवं सेवायोजन के निदेशक कुणाल सिल्कू ने 'रोजगार जंक्शन पोर्टल' व 'सेवा मित्र' मोबाइल एप के बारे में कहा कि इस पोर्टल व मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से बहुआयामी सेवाएं उपलब्ध होंगी। इनमें राज्य में वापस आए श्रमिकों सहित प्रदेश के सभी श्रमिकों को पंजीयन की सुविधा होगी। साथ ही, शासकीय विभागों व उपक्रमों, निजी प्रतिष्ठानों तथा व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को दैनिक आवश्यकताओं हेतु श्रम शक्ति प्राप्त करने की सुविधा होगी। श्रमिकों के पंजीयन के साथ ही, सत्यापन भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि "इस पोर्टल और एप के माध्यम से विभिन्न जरूरतों के लिए आवश्यक कर्मकार एक ही पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएंगे। बेहतर कर्मकारों के लिए शीघ्रता से उचित पारिश्रमिक प्राप्त करना सरल होगा। निजी क्षेत्र को भी पुलिस प्रशासन द्वारा सत्यापित श्रमिक व कामगार उपलब्ध हो सकेंगे। जीपीएस के माध्यम से व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को निकट उपलब्ध कर्मकार के संबंध में जानकारी मिल सकेगी। जनसुविधा केन्द्रों से भी प्रशिक्षित कामगारों की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।"

निदेशक ने बताया कि पोर्टल व एप पर कार्य की गुणवत्ता की ग्राहक द्वारा रेटिंग भी संभव है। साथ ही, एप के माध्यम से प्राप्त जॉब्स के लिए किए गए भुगतान की गणना भी संभव है।


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