यूपी : काला नमक चावल पैदावार बढ़ाने के शोध कार्य शुरू किया
अपनी अनोखी खुशबू के लिए समूचे विश्व में मशहूर काला नमक चावल की पैदावार बढ़ाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद

सिद्धार्थनगर । अपनी अनोखी खुशबू के लिए समूचे विश्व में मशहूर काला नमक चावल की पैदावार बढ़ाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद तथा उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के वैज्ञानिकों ने शोध कार्य शुरू किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि डॉ0 मिथिलेश पांडे की अगुवाई में गठित कृषि वैज्ञानिकों की सात सदस्य टीम ने काला नमक की नई प्रजाति विकसित करने के लिए यह शोध शुरू किया है। प्रदेश सरकार द्वारा ‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट ’योजना के तहत सिद्धार्थ नगर जिले को काला नमक धान की खेती के लिए चयनित किए जाने के बाद राज्य सरकार और कृषि विभाग द्वारा इसकी उपज बढ़ाने के लिए कार्य योजना तैयार की है।
सूत्रों ने बताया कि धान की नई प्रजाति विकसित करने में दस से 11 वर्ष का समय लगता है। इससे पहले उत्तराखंड स्थित पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने काला नमक धान की नई प्रजाति विकसित करने के लिए 1993 से 2000 तक शोध कार्य किया था। तापमान अनुकूल न होने की वजह से कृषि वैज्ञानिकों को सफलता नहीं मिल सकी।
उन्होने बताया कि नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में भी गोरखपुर मंडल के गोरखपुर , महाराजगंज, कुशीनगर और देवरिया जिलों के अलावा बस्ती मंडल के बस्ती और संत कबीर नगर तथा फैजाबाद जिलों में काला नमक धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध कार्य चल रहा है। सिद्धार्थनगर जिले की तरह इन जिलों का तापमान भी काला नमक धान की खेती के लिए अनुकूल पाए जाने पर यहां भी काला नमक धान की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।


