उप्र : निकाय चुनाव आते ही भासपा भाजपा से नाराज
त्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा प्रभारी सुनील बंसल से उनकी तीन दिन पहले बात हुई है। अगर बात बन जाती है तो बहुत अच्छा, वरना उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजभर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ों और दलितों की श्रेणियां बांटकर व उनके बीच आरक्षण कोटे का नए सिरे से निर्धारण करने के बाद ही केंद्र व राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती होनी चाहिए।
राजभर ने बताया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के कार्यकाल में गठित सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट में यह साफ कहा गया है कि प्रदेश में यादव, यदुवंशी और ग्वाल जातियों ने पिछड़ों के आरक्षण में से अपनी आबादी के अनुपात में 39़5 प्रतिशत और जाटव, धूसिया व चमार ने एससी व एसटी के आरक्षण में से अपनी आबादी के अनुपात में 90 प्रतिशत ज्यादा आरक्षण का लाभ हासिल कर लिया है।
राजभर के अनुसार, दलितों में आज भी मुसहर, बांसफोर, डोम, मेस्तर, पासवान, कमकर, धोबी, पासी, खटीक, सोनकर और नट आदि जातियां आरक्षण का समुचित लाभ नहीं हासिल कर पाई हैं। इसी तरह पिछड़ों में भी राजभर, चौहान, मौर्या, कुशवाहा, प्रजापति, पाल, नाई, गौंड़, कहार, गोसाईं, बिंद, केवट, मल्लाह, तुरही, गुप्ता, चौरसिया, लोहार, कोहार और बियार आदि जाति के लोग भी आरक्षण के लाभ से वंचित रहे हैं।
इसी मुद्दे को लेकर राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अपने 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर आगामी पांच नवंबर को यहां रमाबाई अम्बेडकर मैदान में महारैली का आयोजन करने जा रही है।


