उप्र : बैंक नहीं ले रहा सिक्के, ब्रेड उद्योग बंद होने की कगार पर
लखनऊ के ब्रेड व्यवसायी सिक्को को लेकर खासे परेशान हैं। पिछले कुछ वर्षो से सिक्के बैंक जमा करने से मना रहे हैं, जबकि ब्रेड का अधिकतर भुगतान सिक्कों में ही होता है

लखनऊ। लखनऊ के ब्रेड व्यवसायी सिक्को को लेकर खासे परेशान हैं। पिछले कुछ वर्षो से सिक्के बैंक जमा करने से मना रहे हैं, जबकि ब्रेड का अधिकतर भुगतान सिक्कों में ही होता है। उत्तर प्रदेश ब्रेड मैन्यूफैक्च रिंग एसोसिएशन (यूपीबीएमए) के अध्यक्ष भूपेंद्र अग्रवाल ने यह बातें कही। भूपेंद्र अग्रवाल ने सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा, "आज हमारा उत्तर प्रदेश का ब्रेड उद्योग अत्यंत संकट की घड़ी से गुजर रहा है। विगत कुछ वर्षो में बाजार में सिक्कों का आगमन कई गुना बढ़ गया है, इसका मुख्य कारण आरबीआई द्वारा बैंकों के माध्यम से बाजार में बेतहाशा सिक्कों की आपूर्ति हो रही है। लेकिन यह सिक्के बैंकों द्वारा स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। इसके कारण छोटे उद्योगों के पास पूंजी का संकट खड़ा हो गया है।"
उन्होंने कहा कि भुगतान न कर पाने के कारण आज उद्योग बंदी के कगार पर हैं।
अग्रवाल ने कहा कि उद्योगों द्वारा आरबीआई, सरकार एवं केंद्रीय सरकारों को बार-बार निवेदन किया जा रहा है कि वह इसका निराकरण करे, परंतु परिस्थितियां दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और छोटे उद्योग बंदी के कगार पर है।
उन्होंने कहा, "हमारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार से निवेदन है कि उत्तर प्रदेश के छोटे उद्योगों को बचाने के लिए बैंकों को सिक्के जमा करने का निर्देश दें, जिससे लघु उद्योग को बचाया जा सके।"
अग्रवाल ने कहा कि अगर 10 दिन में सिक्कों की समस्या दूर नहीं हुई, तो ब्रेड फैक्ट्रियों को बंद करना पड़ेगा।


