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उप्र : कांग्रेस की अदिति सिंह, अन्य ने विपक्ष के विधानसभा बहिष्कार की अवज्ञा की

उत्तर प्रदेश विधासभा में चल रहे 36 घंटों के मैराथन सत्र का विरोध कर रहे प्रदेश के विपक्षी दलों को उनके अपने ही विधायकों ने धोखा दे दिया है।

उप्र : कांग्रेस की अदिति सिंह, अन्य ने विपक्ष के विधानसभा बहिष्कार की अवज्ञा की
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधासभा में चल रहे 36 घंटों के मैराथन सत्र का विरोध कर रहे प्रदेश के विपक्षी दलों को उनके अपने ही विधायकों ने धोखा दे दिया है। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा जब उसकी विधायक अदिति सिंह ने विधानसभा सत्र में ना सिर्फ भाग लिया, बल्कि सत्र में भाषण भी दिया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार की प्रशंसा की।

रायबरेली (सदर) विधानसभा सीट से विधायक अदिति सिंह ने बुधवार को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के शांति मार्च में भी हिस्सा नहीं लिया।

पूछने पर उन्होंने कहा, "मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की चिंता है। मैं एक शिक्षित विधायक हूं और वही करूंगी जो मुझे ठीक लगेगा।"

यह पहली बार नहीं है जब अदिति सिंह ने कांग्रेस को शर्मसार किया है। इससे पहले उन्होंने खुले तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के निर्णय का समर्थन किया था।

अदिति गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं और उनके पिता और पूर्व विधायक अखिलेश सिंह का अगस्त में निधन होने पर प्रियंका गांधी उन्हें सांत्वना देने दिल्ली से उनके आवास पर गई थीं।

उनका यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि वे कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की संसदीय सीट से आती हैं।

संपर्क करने पर कांग्रेस के संसदीय दल के नेता अजय कुमाल लल्लू ने अदिति सिंह के विधानसभा सत्र में भाग लेने की घटना पर अनभिज्ञता जताई। यह स्पष्ट है कि मामला रायबरेली का होने का कारण कांग्रेस नेता इस पर बयान नहीं देना चाहते हैं।

विपक्ष के रुख से अलग चलने वाले एक अन्य नेता समाजवादी पार्टी (सपा) के नितिन अग्रवाल ने ना सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन में बोला बल्कि आम आदमी के रुख को ना समझने के लिए अपने शीर्ष नेतृत्व पर हमला भी किया।

नितिन अग्रवाल की उपस्थिति हालांकि इतनी चौंकाने वाली नहीं थी क्योंकि उनके पिता और पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के पिछले साल भाजपा में शामिल होने के बाद वे भी अनाधिकृत रूप से सपा छोड़ चुके हैं। सपा ने हालांकि उन्हें अयोग्य करार देने की मांग नहीं की, लेकिन नितिन ट्रेजरी बेंचों पर बैठने लगे हैं।

बुधवार रात हालांकि वे विपक्ष की तरफ बैठे और अपना भाषण दिया।

समाजवादी पार्टी को विधान परिषद में तब एक और झटका लगा जब उसके दो सदस्य- शत्रुधा प्रकाश और मझुकर जेटली ने अपने लिखित भाषण चेयरमैन को भेजे और उनसे इन्हें कार्यवाही में शामिल करने का आग्रह किया। चेयरमैन ने भाजपा सदस्यों के हल्के विरोध के बावजूद इसकी अनुमति दे दी।

सपा के एक अन्य विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) रवि शंकर सिंह पप्पू ने भी सत्र में शामिल हो पार्टी द्वारा सत्र के बहिष्कार के आह्वान की अवहेलना की।

बसपा को भी तब तगड़ा झटका लगा जब उसके विधायक अनिल सिंह और एमएलसी ब्रजेश सिंह ने सत्र में भाग लिया।


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