उप्र : मौत से जूझ रही 6 साल की बच्ची, मदद की गुहार
उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के महोखर गांव की छह साल की एक बच्ची आंख और मतिष्क के बीच ट्यूमर की बीमारी से जूझ रही है
बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के महोखर गांव की छह साल की एक बच्ची आंख और मतिष्क के बीच ट्यूमर की बीमारी से जूझ रही है। परिवार की आर्थिक ढांचा इतना कमजोर है कि वह बच्ची का एम्स में समय से इलाज भी नहीं करा सकते। परिजनों ने देश के नागरिकों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
बीमार बच्ची अंशिका के पिता प्रज्ञानंद ने शुक्रवार को बताया कि उनकी छोटी बेटी अंशिका (6) आंख और मतिष्क के बीच ट्यूमर से ग्रस्त है, जिसका इलाज दिल्ली के एम्स ने होना है। वहां चिकित्सकों इलाज की तिथि 26 मई निर्धारित की है, लेकिन ट्यमर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि 26 मई तक बच्ची का जीवित रहना मुश्किल है।
उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक हालत इतनी खराब है कि बच्ची को एम्स में दिखाने ले जाने के लिए भी दूसरों से किराए के लिए कर्ज लेना पड़ा है। अब इलाज कैसे कराएं, समझ में नहीं आता।
प्रज्ञानंद ने देश के नागरिकों से मानवीय आधार पर बच्ची की जान बचाने के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है, उन्होंने लोगों के संपर्क के लिए अपना मोबाइल नंबर-9919586050 भी प्रकाशित किया है।"
जिला इलेक्शन अंबेसडर अंजलि वर्मा (15) ने बताया कि वह छोटी बहन को लेकर आज (शुकवार) को डीएम से मिली थी। डीएम ने कहा, "मैं 6 मई तक 90 प्लस मतदान के अभियान में व्यस्त हूं, मतदान के बाद ही किसी की जिंदगी के बारे में सोचा जाएगा।"
इस बच्ची ने कहा, "अगर हम पैसे का इंतजाम न कर पाए तो छोटी बहन को खो देंगे।" उसने भी अपनी मजबूरी का हवाला देकर लोगों से आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है।
मतदाता जागरूकता अभियान के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा तीन स्कूली बच्चों को जिलास्तरीय 'इलेक्शन अंबेसडर' नियुक्त किया गया है, इनमें छात्रा अंजलि वर्मा भी शामिल है। उसकी छह साल छोटी बहन अंशिका आंख और मतिष्क के बीच हुए ट्यूमर से ग्रस्त है। उसका इलाज एम्स में होना है। अंजलि जिले भर में संगीत के जरिए मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाताओं को जागरूक कर रही है, लेकिन उसकी छोटी बहन के इलाज के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।


