राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रवासी मजदूरों की सेवा का अभूतपूर्व जज्बा
मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा के बिजासन से 18 किलोमीटर दूर सेंधवा कस्बे के नागरिकों ने करीब 25 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह ताजा भोजन, नाश्ते, चाय व पेयजल के स्टॉल लगाए हैं।

बड़वानी-खरगोन। महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों के लिए निकले प्रवासी मजदूरों की तकलीफों को बड़वानी और खरगोन जिले से गुजर रहे आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों समाज सेवी लोगों ने अपनी सेवा से काफी हद तक कम करने का प्रयास किया है।
पहले लॉकडाउन के समाप्त होने के उपरांत महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई के विभिन्न हिस्सों में रोजगार समाप्त होने, राशन की समस्या तथा संक्रमण के फैलने के भय से प्रवासी मजदूर अपने राज्यों की ओर पैदल, साइकिल, दुपहिया वाहन या अन्य वाहनों से निकल पड़े थे। बड़वानी और खरगोन जिलों के करीब 100 किलोमीटर लंबे आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर भूखे प्यासे मजदूरों का जाना हुआ, लेकिन इस दौरान सैकड़ों की संख्या में समाजसेवियों व संगठनों ने इस अभूतपूर्व संकट में आगे आकर खुले हाथों से उनकी तकलीफ दूर करने में मदद की है।
मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा के बिजासन से 18 किलोमीटर दूर सेंधवा कस्बे के नागरिकों ने करीब 25 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह ताजा भोजन, नाश्ते, चाय व पेयजल के स्टॉल लगाए हैं। बिजासन मंदिर समिति ने प्रतिदिन 10 हजार प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने के अलावा ठहराने का इंतजाम भी किया। इसी प्रकार मुस्लिम खत्री जमात, लायंस क्लब, खाटू श्याम मंदिर समिति, चारण समाज, जैन समाज, वैश्य समाज आदि ने भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भरपूर मदद कर प्रवासी मजदूरों के विस्थापन के घाव पर मरहम लगाने का काम किया। प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के बाद मिली मदद को जिंदगी भर नहीं भूलने की बात कहते हैं।
लायंस क्लब के श्याम तायल बताते हैं कि वे सदस्यों के साथ बस में भोजन पैकेट लेकर सेंधवा से बिजासन और फिर बिजासन से वापस सेंधवा होकर 7 किमी आगे जामली तक निकलते हैं और इस दौरान रास्ते भर भोजन का वितरण किया जाता है। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी के मद्देनजर पिछले एक पखवाड़े के दौरान 5 हजार से अधिक जूते चप्पल भी वितरित किए जा चुके हैं।
एक अन्य सदस्य नीलेश जैन ने बताया कि लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद है और कई मजदूर और उनके बच्चे नंगे पैर प्रवास कर रहे हैं, इसलिए उनके खराब हो रहे जूते चप्पलों के अतिरिक्त भी जूते चप्पल दे दिए जाते हैं।
क्लब के एक अन्य सदस्य तथा बार एसोसिएशन सेंधवा के पूर्व अध्यक्ष अजय मित्तल ने बताया कि महाराष्ट्र से पैदल व साइकिलों से निकले 8 मजदूरों की मृत्यु डिहाइड्रेशन के चलते जिले से गुजरने के दौरान हुई है। इसके दृष्टिगत सेवा कार्य में भी परिवर्तन किया गया, ओआरएस पैकेट, बदन दर्द बुखार की दवाइयां, मलहम, बोतल बन्द पानी, गमछा, मास्क, सेनेटाइजर को भी सहायता में शामिल किया गया।
उन्होंने बताया पूर्व में सदस्यों तथा क्लब के फंड से इन सभी चीजों का इंतजाम किया गया। जानकारी मिलने पर अब विदेश में रहने वाले भारतीयों ने भी मदद देना आरंभ कर दिया है।
नागलवाड़ी के भीलट देव मंदिर समिति करीब डेढ़ महीनों से लगातार प्रतिदिन 10 हजार लोगों को आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से 50 किलोमीटर क्षेत्र में भोजन के पैकेट वितरित करा रही है। इसी तरह जुलवानिया क्षेत्र में अजय यादव तथा विजय यादव के सहयोग से सेवा भारती के माध्यम से विगत 50 दिनों से प्रतिदिन सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को पूड़ी सब्जी का आहार प्रदान किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष ओम सोनी ने बताया कि बड़वानी की अतिरिक्त कलेक्टर रेखा राठौड़ ने मध्य प्रदेश सीमा पर बिजासन में अपने निरीक्षण के दौरान एक प्रवासी मजदूर की बालिका को नंगे पर देखा और द्रवित होकर अपनी चप्पल उतारकर उसे पहना दी। उनकी संवेदनशीलता देख क्षेत्रीय सांसद गजेंद्र पटेल भावुक हो गए और उन्होंने तय किया कि वह अपने वाहन में चप्पल चप्पलों के बॉक्स रख किसी भी राहगीर को नंगे पांव नहीं रहने देंगे। उन्होंने बताया कि गत एक सप्ताह में इस तरीके से करीबन 5 हजार जोड़ी चप्पल जूते वितरित किये गये हैं।
आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बरूफाटक में डेढ़ महीने से बड़े स्तर पर भोजन व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। पवन अग्रवाल तथा निखिल अग्रवाल बताते हैं कि चाय पोहे के नाश्ते और भोजन के अलावा लू से बचाव के मद्देनजर छांछ और कच्चे आम का पना भी वितरण किया जा रहा है। गत डेढ़ महीनों के दौरान पैदल जा रहे हजारों लोगों को लिफ्ट के माध्यम से वाहनों में बिठा कर पहुंचाया भी गया है।
इसी क्षेत्र के अमेरिका के पिट्सबर्ग में रहने वाले चिकित्सक डॉ राधेश्याम अग्रवाल भी आर्थिक मदद देकर इन व्यवस्थाओं को मजबूत करने में लगे हैं।
समाज सेवकों में बताया कि गत 2 दिनों से पैदल हो साइकिल से चलने वाले मजदूरों में कमी आई है। क्योंकि मध्यप्रदेश शासन के माध्यम से इन्हें बसों के माध्यम से उनके राज्यों की सीमाओं तक पहुंचाया जा रहा है, किंतु विभिन्न वाहनों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को यह सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।
सेंधवा ग्रामीण थाने के नगर निरीक्षक विश्वदीप सिंह परिहार, जिनके नियंत्रण में करीब 25 किलोमीटर का आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग आता है, ने बताया कि संक्रमित होने के भय के बावजूद प्रवासी मजदूरों की बाढ़ के दौरान उनकी सेवा करना क्षेत्र के निवासियों की संवेदनशीलता का परिचायक है। बड़वानी जिले के कलेक्टर अमित तोमर तथा पुलिस अधीक्षक डी आर टेनिवार ने विगत डेढ़ महीनों के दौरान समाजसेवियों द्वारा की जा रही मदद को उनके स्टॉल पर जाकर देखा और खुले मन से सराहा।


