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उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता दुर्घटना मामले पर 15 दिन लखनऊ में होगी सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुई दुर्घटना के मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने पर 15 दिनों के लिए शुक्रवार को रोक लगा दी

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता दुर्घटना मामले पर 15 दिन लखनऊ में होगी सुनवाई
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नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुई दुर्घटना के मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने पर 15 दिनों के लिए शुक्रवार को रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि 15 दिनों तक मामले की सुनवाई लखनऊ में होगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को उन्नाव दुष्कर्म से जुड़े पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया था और एक विशेष न्यायाधीश को दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया था।

शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की कि वह दुर्घटना मामले को दिल्ली स्थानांतरित नहीं करे।

सीबीआई की तरफ से पेश महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दुर्घटना मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक को लखनऊ में न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश किया जाना है। उन्होंने कहा, "जब तक जांच पूरी न हो जाए तब तक अदालत को दुर्घटना के मामले को दिल्ली स्थानांतरित नहीं करना चाहिए।"

अदालत ने रिमांड की कार्रवाई पूरी होने तक दुर्घटना के मामले को स्थानांतरित नहीं करने के सीबीआई के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।

इससे पहले दिन में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली जेल में बंद दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने का आदेश दिया।

पीड़िता का चाचा एक मामले में 10 साल जेल की सजा काट रहा है। यह आदेश तब आया जब उत्तर प्रदेश सरकार ने तिहाड़ जेल में उसके स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिका पर कोई आपत्ति नहीं जताई।

अदालत ने मीडिया को भी यह निर्देश दिया कि दुष्कर्म पीड़िता की पहचान का खुलासा न किया जाए। पीड़िता व उसके परिवार के कुछ वीडियो प्रसारित हो चुके हैं।

घायल पीड़िता व उसके वकील को लखनऊ के एक अस्पताल से दिल्ली स्थित एम्स में स्थानांतरित करने के फैसले पर परिवार की हिचकिचाहट की जानकारी के बाद पीठ ने सोमवार को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय की।

अदालत को यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीड़िता को मुआवजा दे दिया गया है। इसी के साथ पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने के लिए गुरुवार रात से ही सीआरपीएफ जवान तैनात कर दिए गए हैं।

प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने बुधवार को दुष्कर्म पीड़िता के परिवार द्वारा लिखे गए एक पत्र का संज्ञान लिया था, जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के गुर्गों द्वारा धमकी देने का आरोप लगाया गया था।

पीड़िता ने 2017 में विधायक सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। वह पिछले सप्ताह ही अपने वकील महेंद्र सिंह और अपनी चाची व मौसी के साथ रायबरेली जा रही थी। इसी बीच विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दिया। इस हादसे में लड़की और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जबकि चाची और मौची की मौत हो चुकी है। उसकी चाची इस अपराध की गवाह भी थी।


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