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उन्नाव केस: लड़कियों की रहस्यमय मौत के बाद गांव छावनी में तब्दील, विपक्ष ने उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में संदेहास्पद परिस्थितियों में दलित बहनों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है

उन्नाव केस: लड़कियों की रहस्यमय मौत के बाद गांव छावनी में तब्दील, विपक्ष ने उठाए सवाल
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उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में संदेहास्पद परिस्थितियों में दलित बहनों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गुरुवार को बसपा और सपा के नेताओं ने पीड़ित पक्ष के घर के बाहर धरना दिया। इसके बाद गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

विपक्ष इस मामले में लड़की को दिल्ली एयरलिफ्ट करने की मांग कर रहा है। बबुरहा गांव में जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दिए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। मीडिया मृतकों के परिजनों से नहीं मिल पा रही है। परिजनों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के विरोध में ग्रमीण धरने पर बैठ गए हैं।

विपक्ष इस मामले में साजिश की बात कर रही है। कांग्रेस ने ट्वीट किया यूपी बेटियों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है, यूपी सरकार खुद महिला सम्मान व मानवाधिकारों को कुचलने में पीछे नहीं है। दलित बेटियों के साथ हुई उन्नाव की घटना उसी कड़ी का हिस्सा है।

कांग्रेस ने आगे लिखा उत्तर प्रदेश में मानवता बार-बार शर्मसार हो रही है; भाजपा के जंगलराज में बेटियों के खिलाफ क्रूरतापूर्ण अपराधों में वृद्धि हो रही है। 'बेटी बचाओ' चेतावनी थी, लेकिन जनता ने गंभीरतापूर्वक नहीं लिया।

घटना को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सीओ हसनगंज, सीओ बांगरमऊ भी मौके पर मौजूद हैं। 18 दारोगा, 70 हेड कन्स्टेबल, 30 आरक्षी अतिरिक्त रूप से तैनात किए गए हैं। एडीएम, एसडीएम व विधायक अनिल सिंहभी भी गांव पहुंचे। शव दफनाने के लिए जेसीबी मंगाई गई है। सपाई और ग्रमीणों ने जेसीबी रोकते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।

पूरी रात की पड़ताल और पूछताछ के बाद पुलिस को घटना में अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस ने किशोरियों के स्वजन से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं पूरी रात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर डटे रहे, तो डीएम और एसपी ने गांव जाकर गहनता से पड़ताल की।

उन्नाव के असोहा में हुई घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी बुधवार की रात भर अलर्ट पर रहे। रात में घटनास्थल पर पहुंची आइजी लक्ष्मी सिंह और फिर एडीजी जोन एसएन साबत ने छानबीन और पूछताछ करने के बाद थाने का रुख किया। इसके बाद देर रात दोनों अधिकारी डीएम रवींद्र कुमार और एसपी आनंद कुलकर्णी के साथ गांव पहुंचे। स्वजन व ग्रामीणों से रातभर पूछताछ चली। एडीजी जोन और आइजी रेंज के लखनऊ चले जाने के बाद एसपी गुरुवार सुबह करीब छह बजे फिर से घटनास्थल पर पहुंच गए। वह टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। पुलिस टीम खेतों में गेंहूं की फसल खड़ी होने की वजह से फसल का भी ध्यान रख रही है कि खराब न हो सके और साक्ष्य मिल जाएं। घायल किशोरी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। सूत्रों की मानें तो पुलिस अफसरों को घटना में कई अहम सुराग मिले हैं, हालांकि अधिकारी अभी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

एसपी ने बताया कि घटना की जांच अभी शुरूआती दौर में है। मृतक किशोरियों का पोस्टमार्टम होने के बाद रिपोर्ट से काफी स्थिति स्पष्ट होगी। घटना की जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा एसओजी और क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है।

मृतका दोनों किशोरियों के पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल में तीन डॉक्टरों का पैनल गठित कर दिया गया है। पैनल में एक महिला डॉक्टर, शुक्लागंज के प्रभारी चिकित्साधिकारी और जिला अस्पताल के डॉक्टर को शामिल किया गया है। इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस के मुख्य द्वार से लेकर बाहर तक भारी फोर्स तैनात है। किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। सीओ बीघापुर पाशंकर और सदर कोतवाली प्रभारी दिनेश चंद्र मिश्र बाहर मौजूद हैं। पोस्टमार्टम के बाद शवों को ले जाने के लिए मुख्य गेट पर एंबुलेंस भी तैयार करा दी गई है।

उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि घटना की जांच के लिए पुलिस की 6 टीमें गठित की गई हैं। इसके अलावा स्वाट व सर्विलांस टीमें भी काम कर रही हैं। गंभीर किशोरी के बयान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट खुलासे के लिए अहम हैं। दोनों का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही घटना से पर्दा उठ जाएगा, हालांकि प्रथम ²ष्टया मामला जहर से मौत का प्रतीत हो रहा है।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की घटना ने एक बार फिर से सबको शर्मसार कर दिया है। बुधवार रात जिले के बबुरहा गांव में तीन नाबालिग दलित लड़कियां खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं। इनमें दो लड़कियों की मौत हो चुकी थी जबकि तीसरी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है।


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