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विश्वविद्यालय हड़ताल पर, छात्रों का भविष्य अंधेरे में, और सरकार सुप्तावस्था में !!!

कर्मचारी नेताओं ने सरकार को अंतिम चेतावनी दी है कि सरकार ने ध्यान नही दिया तो ना चाहते हुए भी 2 जून से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, इससे अगर परीक्षा प्रभावित होती है, छात्र परेशान होते है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

विश्वविद्यालय हड़ताल पर, छात्रों का भविष्य अंधेरे में, और सरकार सुप्तावस्था में !!!
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश के 8 विश्वविद्यालय के कर्मचारी अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल का फैसला लिया। इस हड़ताल की वजह से लाखों छात्राओं की परीक्षा स्थगित कर दी गई। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लिखित आश्वासन नहीं देने पर कर्मचारी संगठन द्वारा एक समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया है। अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो कल से सभी कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इन सब की वजह से लाखों छात्र छात्राओं को असमंजस का सामना करना पड़ रहा है।
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कर्मचारी नेताओं ने सरकार को अंतिम चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगों पर 1जून तक सरकार ने ध्यान नही दिया तो ना चाहते हुए भी 2 जून से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, इससे अगर परीक्षा प्रभावित होती है, छात्र परेशान होते है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। विश्वविद्यालय में मध्यप्रदेश विश्वविद्यालयीन कर्मचारी महासंघ और एमपी विश्वविद्यालय पेंशनर्स ऐसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में पिछले 17 दिन से आंदोलन चल रहा है। जिससे इन सभी विश्वविद्यालयों के काम ठप पड़ गए हैं।
इस मामले मै मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि कर्मचारियों किआंगे जायज़ हैं। इस मामले मै वित्त विभाग को भी लिखा गया है। छात्रहित प्रभावित न हो इसके लिए कर्मचारियों से हड़ताल पर न जाने के लिए कहा है। सवाल यह उठता है कि जब मांगे जायज़ हैं तो यह नौबत क्यूं आ गई की प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को हड़ताल का कदम उठाना पड़ा। और लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है?
आपको बता दें कि पहले ही सत्र लेट शुरू होने की वजह से परीक्षाएं 2 से 3 महीने लेट चल रही है। ऐसे में कर्मचारियों द्वारा काम बंद किए जाने की वजह से परीक्षाओं पर काफी ज्यादा असर पड़ रहा है। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से यूनिवर्सिटी प्रबंधन व्यवस्थाओं को संभाल नहीं पा रहा है।
इसी वजह से परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ा। छात्र मानसिक रूप से परेशान हैं तो यूनिवर्सिटी भी असमंजस में है। अब यदि परीक्षा नहीं होती हैं और रिज़ल्ट समय पर नहीं आता है तो अंतिम वर्ष के छात्रों को एक वर्ष का नुकसान हो सकता है।

इन विश्वविद्यालय में परीक्षा अटकी

जीवाजी, ग्वालियर - 1.30 लाख छात्र

बरकतउल्ला, भोपाल - 1.27 लाख

देवी अहिल्याबाई, इंदौर - 75 हजार

रानी दुर्गावती , जबलपुर - 25 हजार


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