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यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया अभियान बना दुनिया का लार्जेस्ट एवर मल्टीस्पोर्ट्स : अनुराग ठाकुर

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह पीएम मोदी की ही सोच थी

यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया अभियान बना दुनिया का लार्जेस्ट एवर मल्टीस्पोर्ट्स : अनुराग ठाकुर
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लखनऊ। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह पीएम मोदी की ही सोच थी, जिन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स, विंटर गेम्स की कल्पना की और खेलो इंडिया अभियान की शुरुआत की। आज हम कह सकते हैं कि दुनिया में लार्जेस्ट एवर मल्टीस्पोर्ट्स इवेंट कोई है तो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया अभियान है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर गुरुवार को खेलो इंडिया के तहत यूनिवर्सिटी गेम्स को समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर के लोग बहुत सारे देशों से इसको देखने, समझने आते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में होने जा रहे इन खेलों के भव्य आयोजन के लिए उन्होंने सीएम योगी का भी धन्यवाद किया।

उन्होंने कहा, "ओलंपिक्स से आने के बाद जब पीएम ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया था, तब उत्तर प्रदेश, देश का इकलौता ऐसा राज्य था, जिसने देश के सभी खिलाड़ियों को बुलाकर सम्मानित भी किया और उनका मान बढ़ाया। इस खेल के मैस्कॉट जीतू ने भी सभी का दिल जीता है। हमने मशाल रैली से उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में खेलों को बढ़ावा देने का एक संदेश भेजा है।"

ठाकुर ने कहा, "यह पीएम मोदी की ही सोच थी, जिन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स, विंटर गेम्स की कल्पना की और खेलो इंडिया अभियान की शुरुआत की। आज हम कह सकते हैं कि दुनिया में लार्जेस्ट एवर मल्टीस्पोर्ट्स इवेंट कोई है तो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो इंडिया अभियान है। किसी भी खिलाड़ी को कोचिंग सेंटर चाहिए, कोच चाहिए या फिर कॉम्पिटीशन चाहिए, हमने किसी में भी कोई कमी नहीं रखी। पीएम मोदी ने सबसे पहले खेल का बजट 874 करोड़ से बढ़ाकर कुछ वर्षो में 2462 करोड़ कर दिया। सैकड़ों कोचेस की नियुक्ति कर दी। यही नहीं, अब एक हजार खेलो इंडिया सेंटर देश भर में मिलने वाले हैं जो 15 अगस्त 2023 से पहले बन जाएंगे।"

अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण की शुरुआत हो रही है। पहले संस्करण में मात्र 3 हजार खिलाड़ी आए थे। इस बार सबसे ज्यादा 21 खेल और 208 यूनिवर्सिटी से 4700 से ज्यादा खिलाड़ी आ रहे हैं, ये भी बड़ी सफलता हमने प्राप्त की है। नई एजुकेशन पॉलिसी में भी बाकी विषयों की तरह खेलों को प्राथमिकता दी गई है। कॉम्पिटीशन इतने की यूथ गेम्स, विंटर गेम्स और अब यूनिवर्सिटी गेम्स में रिकॉर्ड पार्टिसिपेशन हो रहा है। यही नहीं, हर इवेंट में नेशनल रिकॉर्ड तोड़ने के भी रिकॉर्ड टूटे हैं और इसमें भी भारत की बेटियों का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा है। इनमें मनु भाकर, ऐश्वर्य प्रताप तोमर, दिया चितले, अंशु मलिक, मेहुली घोष जैसे तमाम सारे खिलाड़ी इसमें पार्टिसिपेट कर रहे हैं, जो ओलंपियन भी हैं और कई सारे इंटरनेशनल इवेंट में भारत के लिए मेडल भी जीते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले हमारे खिलाड़ी एक साल में मात्र 100 इवेंट में भाग ले पाते थे, आज 300 से अधिक इवेंट में भाग ले पाते हैं। ये तब संभव हुआ है, जब सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। पीएम मोदी ने सोच बदलने का जो काम किया है, वो भारत को स्पोर्ट्स सुपरपावर बनाने की ओर लेकर जा रहा है। अब खिलाड़ी किसी भी बड़े टूर्नामेंट में ये सोचकर जाते हैं कि भारत के लिए कुछ करना है। अब उन पर दबाव नहीं, बल्कि कुछ कर दिखाने की तमन्ना रहती है।


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