विश्वविद्यालयों को अर्थव्यवस्था में योगदान देना होगा : मौर्य
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को पांच खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है

नैनीताल। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को पांच खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है इसलिए इन बदलती परिस्थितियों के अनुरूप राज्य के विश्वविद्यालयों को बदलना होगा।
श्रीमती मौर्य कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को देश की अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक समृद्धि में अपना योगदान देना होगा। उनके पाठ्यक्रम और शोध कार्य सार्वजनिक नीतियों, रोजगारपरक और उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप होने चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नवाचार के प्रति सकारात्मक रूख होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन ने भी कहा था कि कल्पनाशक्ति ज्ञान से महत्वपूर्ण होती है। इसलिये विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम, शोधकार्य और शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम नवाचार पर केन्द्रित हों। पारंपरिक शिक्षण प्रणालियों के बजाय आधुनिक सूचना-संचार और तकनीक का अधिकतम प्रयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। तभी हमारे विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों का मुकाबला कर पायेंगे।
इससे पहले विश्वविद्यालय की ओर से उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति डा. डी वाई चंद्रचूड और पद्मश्री डा. सौमित्र रावत को मानद उपाधि से नवाजा गया।
न्यायाधीश चंद्रचूड ने विद्यार्थियों को संबोधित हुए कहा कि हमारी विविधता की देश की शक्ति है। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपने सवाल पूछने की जिजीविषा को हमेशा जीवित रखो। सवाल करो तभी जवाब मिलेगा। साथ ही कहा कि माता-पिता, गुरूजनों और बड़ों का आदर करो।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डा. रावत ने कहा कि कठिन परिश्रम, समयबद्धता, कर्मठता, दृढ़ इच्छाशक्ति एवं आत्मविश्वास से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर श्रीमती मौर्य ने 38483 विद्यार्थियों को उपाधियां और 62 मेधावी छात्रों को पदक प्रदान किये। शनिवार का मौसम समारोह के लिए खलनायक साबित हुआ क्योंकि केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और देश के जाने माने पत्रकार रजत शर्मा नहीं पहुंच सके। विश्वविद्यालय की ओर से श्री रजत शर्मा को मानद उपाधि प्रदान की जानी थी।


