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स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा दे रहे केंद्रीय मंत्री ने 'पंचामृत की ओर' कार्यक्रम का उद्घाटन किया

स्वच्छ ईंधन अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने शनिवार को 'पंचामृत की ओर' कार्यक्रम का उद्घाटन किया

स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा दे रहे केंद्रीय मंत्री ने पंचामृत की ओर कार्यक्रम का उद्घाटन किया
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नई दिल्ली। स्वच्छ ईंधन अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने शनिवार को 'पंचामृत की ओर' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अधिकारियों ने कहा कि देश को स्वच्छ गतिशीलता की ओर ले जाने के लिए केंद्र सरकार स्वच्छ ईंधन पर जोर दे रही है। 'पंचामृत की ओर' कार्यक्रम इस दिशा में एक प्रयास है, 'पंचामृत' को बढ़ावा देने के लिए 5 स्वच्छ ईंधन हैं - हाइड्रोजन, इथेनॉल, बायो डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन।

पंचामृत के लिए देश में मोटर वाहन उद्योग के प्रचार और विकास के लिए योजनाओं पर सम्मेलन और प्रदर्शनी इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), मानेसर, हरियाणा में आयोजित की गई थी।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय और भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने भी प्रदर्शनी और आईसीएटी ऊष्मायन केंद्र का उद्घाटन किया।

पांडेय ने जोर देकर कहा कि सीओपी 26 - 'पंचामृत की सौगत' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणाओं के अनुरूप, 2070 तक कार्बन तटस्थ देश बनने के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए 5 प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में मंत्रालय व्यापक प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत के विजन को हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है।

पांडेय ने कहा कि सरकार ने देश में परीक्षण उद्देश्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय वाहन निर्माताओं द्वारा लाए गए वाहनों पर शुल्क समाप्त कर दिया है, जो पहले 252 प्रतिशत के शुल्क को आकर्षित करता था।

उन्होंने कहा कि यह देश में उपलब्ध परीक्षण सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अधिक देशों के वाहन निमार्ताओं को आकर्षित करेगा।

उन्होंने भारत को एक स्वच्छ और हरित देश बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों में ऑटो उद्योग का समर्थन मांगा।

वहीं, कृष्ण पाल गुर्जर ने स्वच्छ और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन पहलों से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार सृजन में मदद मिलेगी, निर्यात पर निर्भरता कम होगी, उद्योग की वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलेगा और इस तरह ऑटोमोटिव उद्योग में आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

इस कार्यक्रम में ऑटोमोटिव उद्योग के नेताओं, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और छात्रों ने भाग लिया।

प्रदर्शनी में 84 से अधिक कंपनियों के डिस्प्ले थे, जिनमें 33 घटक निमार्ता, परीक्षण उपकरण निमार्ताओं की 11 कंपनियां और 36 वाहन निमार्ता शामिल थे।

मंत्रालय ने ऑटोमोटिव उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई-ऑटो, पीएलआई-एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) और फेम-2 जैसी कई पहल की हैं।

ये योजनाएं नवाचार का एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो स्वच्छ गतिशीलता समाधानों के विकास को सक्षम करेगा और देश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा।


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