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केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दिव्यांगों के लिए जॉब पोर्टल 'रोजगार सारथी' का किया शुभारंभ

'डिजिटल दिव्यांग-इनेबल्ड एंड एंपावर्ड' थीम पर आयोजित दो दिवसीय (17-18 दिसंबर) सम्मेलन के दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर ऑनलाइन जॉब पोर्टल 'रोजगार सारथी' का अनावरण किया

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दिव्यांगों के लिए जॉब पोर्टल रोजगार सारथी का किया शुभारंभ
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नई दिल्ली। 'डिजिटल दिव्यांग-इनेबल्ड एंड एंपावर्ड' थीम पर आयोजित दो दिवसीय (17-18 दिसंबर) सम्मेलन के दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर ऑनलाइन जॉब पोर्टल 'रोजगार सारथी' का अनावरण किया, जो विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए निजी और सरकारी नौकरियां प्रदान करेगा। साथ ही यह पोर्टल दृष्टिबाधित लोगों को स्क्रीन रीडर जैसी सहायक तकनीकों का उपयोग करके वेबसाइट तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट और नेशनल एबिलिंपिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 8वें नेशनल कॉन्फ्रें स ऑन डिसएबिलिटी का शनिवार को समापन हुआ।

सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञ दिव्यांगों के लिए समावेशी माहौल बनाने की दिशा में परिचर्चा हुई। इस दौरान रोजगार सृजक बनने, उद्यमी बनने और सतत विकास समेत विभिन्न विषयों पर 11 पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।

सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिव्यांगों के लिए समावेशन की राह खोलना था, जिससे उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ें। महामारी को देखते हुए कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर हुआ।

इस मौके पर गडकरी ने कहा, "विकलांग लोगों में अद्भुत क्षमता होती है, हमें उनमें से सर्वश्रेष्ठ को निकालने की जरूरत है और सार्थक जैसे एनजीओ अच्छा काम कर रहे हैं। जो लोग दिव्यांग हैं, उनका जीवित रहना बहुत मुश्किल है, इसलिए उन्हें रोजगार और स्थायी जीवन देना समाज का कर्तव्य है। यह देश की सेवा करने और उन्हें उचित ²ष्टिकोण देने का समय है। हमें ऐसे हजारों संगठनों की जरूरत है जो सामाजिक चेतना की दिशा में काम करें। आप उन्हें उनके जीवन को बनाए रखने के लिए पेशेवर मार्गदर्शन दे रहे हैं और मैं दिव्यांगों की इस सेवा को अपना समर्थन देता हूं, जो भगवान की सेवा के समान है।"

सम्मेलन के दौरान एक सत्र के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, "टेक्नोलॉजी एक शक्तिशाली माध्यम हो सकती है, लेकिन इससे मानवता के लिए नैतिक चुनौतियां भी आई हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निग जैसी तकनीक काम करने वाले व्यक्तियों की जगह ले रही हैं। ऐसे में दिव्यांगजन आगे आते हुए इस बात की प्रेरणा बन सकते हैं कि चुनौतियों से कैसे निटपना चाहिए। हम सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट से भी अपने अर्ली डिटेक्शन सेंटर्स के माध्यम से 112 जिलों तक पहुंचने का आग्रह करते हैं। नीति आयोग दिव्यांगजनों के लिए इस एजेंडा पर आगे बढ़ने और ग्रामीण भारत के सर्वाधिक हाशिए पर जी रहे इस वर्ग की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने में मदद के लिए तत्पर है।"

सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक एवं सीईओ डॉ. जीतेंदर अग्रवाल ने कहा, "सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट ने महामारी के दौरान दिव्यांगजनों के के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में सतत कार्य किया। कौशल विकास, प्रशिक्षण, चुनौतियों से लड़ने में सहायता और उन्हें फंक्शनल वर्कफोर्स का हिस्सा बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार किया गया। सार्थक ने रोजगार सारथी के नाम से जॉब पोर्टल शुरू किया है, जो दिव्यांगजनों के लिए निजी एवं सरकारी संस्थानों में रोजगार पाने का वन स्टॉप सॉल्यूशन है। साथ ही दिव्यांगजनों के लिए कैपसारथी नाम का एप भी लॉन्च किया गया है, जिसमें दिव्यांगों से जुड़ी सभी जानकारियां दी गई हैं। यह विशेषतौर पर ग्रामीण दिव्यांगजनों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण है। सार्थक गुरुग्राम में सार्थक ग्लोबल रिसोर्स सेंटर भी शुरू कर रहा है, जहां दिव्यांगता से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान दिया जाएगा।"

सम्मेलन में रोजगार सारथी पोर्टल पर एक व्यापक ऑनलाइन रोजगार मेला भी आयोजित किया गया, जिसमें फ्लिपकार्ट, अमेजन, विशाल मेगा मार्ट, आईसीसीएस, रिलायंस फ्रेश, बिग बास्केट, विप्रो, स्टारटेक, इंडियामार्ट, इंटरमेश लिमिटेड, जेनपैक्ट, एसेंचर, रिलायंस ट्रेंड्स समेत कई सरकारी, अर्ध सरकारी व निजी कंपनियों के साथ ही कई अन्य देशों की कंपनियों ने भी हिस्सा लिया।

सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट 2008 से काम कर रहा है और पिछले 13 साल में भारत में 4 प्रतिशत दिव्यांगों (8 लाख) तक पहुंच सुनिश्चित की है। इसने 34,300 दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया है और 23,450 दिव्यांगों को रोजगार पाने में मदद की है। साथ ही बड़ी संख्या में दिव्यांगों को प्रोत्साहित किया है।


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