अज्ञात बदमाशों ने जीजेएम कार्यालय में लगाई आग
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कल रात गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) कार्यालय में आग लगा दी है और संदिग्ध गोरखा कार्यकर्ताओं ने आज दुआर्स में बागराकोटे के समीप एक स्कूली वैन में पथराव किया

दार्जिलिंग/ सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में कल रात गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) कार्यालय में आग लगा दी है और संदिग्ध गोरखा कार्यकर्ताओं ने आज दुआर्स में बागराकोटे के समीप एक स्कूली वैन में पथराव किया।
पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन आंदोलन के आज 59वें दिन भी इसके समाधान के लिए कोई तात्कालिक शांति वार्ता के संकेत नहीं है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक कल सुबह कुर्सियोंग में समाचार पत्र लेकर जा रहे एक वाहन और शाम के समय सेवोक रोड पर हनुमान झोरा के समीप एक ट्रक में तोड़फोड़ किए जाने का मामला सामने आया है।
समाचार एजेंटों ने यहां बताया कि गोरखालैंड समर्थकों ने उनके वाहन पर तोड़फोड की है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने दार्जिलिंग शहर में चौकबाजार स्थित एक इमारत में जीजेएम कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
इसी इमारत में भूतल पर एक ड़ाकखाने को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है।
इस बीच बागराकोटे से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सुबह सेना स्कूल के छात्रों को लेकर जा रहे एक वैन पर संदिग्ध गोरखा कार्यकर्ताओं ने पथराव किया। वैन चालक दरनेल प्रधान ने बताया कि खुखरीधारी कुछ युवकों ने उसे बलपूर्वक बाहर निकाला और वैन के शीशों को तोड़ना शुरू किया।
हमलावरों ने धमकी भी दी कि अगर वह दोबारा नजर आया तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग हिल्स में तनाव को बढ़ावा देने के लिए विपक्षियों की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने मंगलवार को विधानसभा में दार्जिलिंग की स्थिति को लेकर बयान भी दिया और यहां हिंसा बंद करने के लिए विपक्षियों से अपील की , ताकि अनिश्चितकालीन बंद से तकलीफ झेल रहे लोगों को राहत मिल सके।
सुश्री बनर्जी ने विपक्षियों को राज्य सरकार के साथ चर्चा करने की अपील की।
उन्होंने विधानसभा में सदन को बताया कि दार्जिलिंग हिल्स में स्कूल, कार्यालय और पर्यटन ठप हैं , जिससे क्षेत्र को 55 करोड़ रूपये के राजस्व का घाटा उठाना पड़ा है।
उन्होंने दाेहराया कि दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का एक अंग है और वह किसी को इसके दोफाड़ करने की अनुमति नहीं देगी। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन का पांच वर्षीय कार्यकाल खत्म होने जा रहा है और यह समय अब चुनाव का है।


