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एस आर गाेयल अस्पताल में यूएनएचएस प्रोग्राम शुरु

राजस्थान में जयपुर के एस आर गाेयल सरकारी अस्पताल में यूनिवर्सल न्यूबॉर्न हियरिंग स्क्रीनिंग प्रोग्राम (यूएनएचएस) आज से शुरु किया गया

एस आर गाेयल अस्पताल में यूएनएचएस प्रोग्राम शुरु
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जयपुर। राजस्थान में जयपुर के एस आर गाेयल सरकारी अस्पताल में यूनिवर्सल न्यूबॉर्न हियरिंग स्क्रीनिंग प्रोग्राम (यूएनएचएस) आज से शुरु किया गया।

इसकी विधिवत शुरुआत प्रसिद्ध आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और ऑस्ट्रेलियन कम्पनी काक्लियर के ग्लोबल हियरिंग एम्बेडसर ब्रेट ली और एसएमएस मेडिकल कॉलेज ओर संबद्ध अस्पतालों के प्राचार्य और नियंत्रक डॉ़ सुधीर भंडारी ने प्रोग्राम की विधिवत शुरुआत की।

इस अवसर पर ब्रेट ली ने कहा कि सुनना हर व्यक्ति की मूलभूत जरुरत है। दैनिक जीवन में कई आवाजें होती हैं, हर व्यक्ति को उन्हें सुनना चाहिए और आनंद लेना चाहिए। सुनने में कुछ कमी हो या बहरापन हो तो उसे दूसरों से बात करने मे कठिनाई आती है। वर्तमान में प्राैद्योगिकी इतनी विकसित हो चुकी है कि इसका उपचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एस आर गोयल अस्पताल में हियरिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गयी इससे छोटे बच्चों को लाभ मिलेगा। अब हम यह सुनिश्चित कर पायेंगे कि हर व्यक्ति को सुनने की खुशी मिले।

डा़ भंडारी ने कहा कि सुन पाने और खुशहाल जीवन जीने में मदद करना यकीनन एक अमूल्य अनुभव है। सभी नवजातों की सुनने की क्षमता की जांच जन्म से ही की जानी जरुरी है। इस प्रोग्राम की यही उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हम यूएनएचएस के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहते हैं। डा़ भंडारी ने बताया कि दुनियांभर में तीन करोड़ 40 लाख बच्चे बहरेपन की समस्या से पीड़ित हैं। भारत में 50 लाख से अधिक लोग गंभीर बहरेपन का शिकार हैं जबकि राजस्थान में करीब दो लाख 18 हजार लोगों को सुनने में किसी न किसी प्रकार की समस्या है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2050 तक नौ करोड़ से ज्यादा लोगों के बहरेपर से पीड़ित होने की आशंका है।

मेडीकल सुपरीटेंडेंट डा़ जगदीश ने कहा कि बहरेपन से बच्चे के विकास और सीखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। बचपन के शुरुआती वर्ष जीवन के सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, जब उनका संज्ञानात्मक विकास होता है। बच्चों की शारीरिक, बौद्धिक, शैक्षिक, सामाजिक एवं मानसिक विकास के लिये सुनने की क्षमता का स्वस्थ होना जरुरी है।


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