मोदी को पत्र लिखने वाली हस्तियों पर मुकदमा दुर्भाग्यपूर्ण : माले
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी बयान में कहा कि राजद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में प्रख्यात बुद्धिजीवियों, रंगकर्मियों व फ़िल्मकारों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है।

लखनऊ । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की उत्तर प्रदेश इकाई ने भीड़ हिंसा पर कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाली हस्तियों के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में प्राथमिकी दर्ज करने को दुर्भाग्यशाली बताते हुये उच्चतम न्यायालय से हस्तक्षेप की अपील की है।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी बयान में कहा कि राजद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में प्रख्यात बुद्धिजीवियों, रंगकर्मियों व फ़िल्मकारों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। इन सम्मानित हस्तियों ने देश को शर्मिंदा करने वाली ज्वलंत समस्या ‘मॉब लिंचिंग’ पर अपनी चिंताओं से प्रधानमंत्री को अवगत कराने और इसे रोकने के लिए जरूरी उपाय करने की अपील की थी। ऐसा करके उन्होंने लोकतंत्र में एक सजग और जिम्मेदार नागरिक होने के दायित्यों का ही निर्वहन किया था। ऐसे में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। यह कार्रवाई ऐसा एहसास कराती है मानो हम अघोषित इमरजेंसी में रह रहे हों।
उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इसमें दखल देने और एफआईआर को निरस्त करने की अपील की।
माले सचिव ने कहा कि गुरूवार को मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत के आदेश पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्मकार मणिरत्नम, श्याम बेनेगल समेत देश की 50 जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी।


