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बेजा कब्जा तोड़ने चिन्हांकन को लेकर बवाल

मिट्टीतेल गली में बड़े अवैध निर्माणों का दूसरे दिन भी तोड़ा गया, वहीं कई मकानों व नर्सिंग होम के पार्किंग स्थल की नापजोख की गई........

बेजा कब्जा तोड़ने चिन्हांकन को लेकर बवाल
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भवनों के अलावा नर्सिंग होम के पार्किंग स्थल की भी नापजोख हुई

बिलासपुर। मिट्टीतेल गली में बड़े अवैध निर्माणों का दूसरे दिन भी तोड़ा गया, वहीं कई मकानों व नर्सिंग होम के पार्किंग स्थल की नापजोख की गई। जिसे लेकर निगम के अमले से लोग का जमकर वाद-विवाद हुआ। भवन मालिकों का कहना था कि बार-बार सीमांकन के तहत अलग-अलग जगह निशान लगाए जा रहे हैं।

मिट्टी तेल लाइन गली चौड़ीकरण के लिए आज भी नगर निगम का अमला नापजोख करता रहा, इस दौरान बेजा कब्जा के जद में आए बाउंड्रीवाल को तोड़ने के लिए चिन्हांकन पर विवाद की स्थिति निर्मित होती रही। वहीं संजीवनी नर्सिंग होम के पार्किंग स्थल के बेजा कब्जा वाले हिस्से का भी सीमांकन किया गया। जिसे तोड़ा जाना है।

गौरतलब है कि मिट्टी तेल लाइन गली को 80 फीट चौड़ी करने का निर्णय आया। इस दौरान नगर निगम ने बेजा कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर मकान खाली करने का फरमान दिया था। लेकिन बेजा कब्जाधारी मकानों में डटे रहे। इस बीच पिछले दिनों सड़क के एक हिस्से के मकानों को तोड़ने के लिए नगर निगम का अमला पूरे लाव लश्कर के साथ मौके पर पहुंच गया। तोड़-फोड़ की कार्रवाई को राकने के लिए बेजा कब्जाधारियों ने जमकर हंगामा मचाया, इस बीच नगर निगम और बेजा कब्जाधारियों के बीच झूमा झटकी की घटना घटी। जिसमें मारपीट भी हुई। वार्ड के लोगों ने इस मामले में बकायदे सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई। परंतु नगर निगम अपनी कार्रवाई को बगैर रोके बेजा कब्जाधारियों केम मकानों का गिराना शुरू कर दिया। कब्जाधारियों को नियम के मुताबिक शासन के तय मापदण्ड के मुताबिक अटल आवास में मकान आबंटित कर दिया जिन्हें बाद में शिफ्ट कर दिया गया।

नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती सड़क के दूसरे हिस्से में बेजा कब्जा था। इसके तहत रसूखदार के भवनों की बाउंड्रीवाल बन बन चुकी थी जिनको हटाने में काफी दिक्कते आ रही थी। आखिरकार निगम ने अपनी तोड़-फोड़ की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पक्के मकानों के बेजा कब्जा में बने बाउंड्रीवाल, पोर्च पर एक्सीवेटर चलना शुरू कर दिया। इस दौरान विवाद, विरोध का दौर चला लेकिन इसकी परवाह किए गए बगैर कार्रवाई आगे बढ़ती गई आज की स्थिति में बेजा कब्जाधारियों का अवैध निर्माण काफी हद तक गिराया जा चुका है। मंगलवार को नगर निगम की कार्रवाई दोपहर में जारी रही। जहां चिन्हित बेजा कब्जा मकानों को अवैध निर्माण को ढहाने का सिलसिला चलता रहा, वहीं जिन मकानों को ढहाने के बाद मलबा शेष रह गया था उसे ट्रकों में भरने का काम जारी रहा। जिन भवनों को तोड़ा जाना है उन सभी का पुन: नापजोख किया जा रहा था। इस दौरान नगर निगम के ईई पी.के. पंचायती समेत अमला मौके पर मौजूद था।

इस दौरान नापजोख के तरीके पर घर मालिक ने सवाल उठाए। इसमें किसी को बचाया जा रहा और बार-बार सीमांकन को बदला जा रहा। इसे लेकर अभियंता श्री पंचायती के साथ विवाद की स्थिति भी बनी। इस पर श्री पंचायती ने नापजोख सही बताते हुए कार्रवाई करने के निर्देश नगर निगम टीम कोदेकर आगे बढ़ गए। वहीं बेजा कब्जा के जद में संजीवनी नर्सिंग होम का पार्किंग स्थल भी आ रहा था। इसके नापजोख को लेकर दूसरे दिन भी विवाद हो रहा था, आखिरकार नगर निगम के द्वारा पार्किंग स्थल का नापजोख को अंतिम रूप देकर निशान लगा दिया है। जिसे अवैध निर्माण के तहत तोड़ा जाना है। आज भी नापजोख के चलते मौके पर तनाव की स्थिति बनी रही।


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