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चाचा - भतीजे की हाजीपुर को लेकर 'जंग ' से असमंजस में भाजपा

लोकसभा चुनाव भले ही अगले साल होने वाले हैं, लेकिन अभी से ही बिहार में सरगर्मी बढ़ी हुई है

चाचा - भतीजे की हाजीपुर को लेकर जंग  से असमंजस में भाजपा
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पटना। लोकसभा चुनाव भले ही अगले साल होने वाले हैं, लेकिन अभी से ही बिहार में सरगर्मी बढ़ी हुई है। इस बीच, चाचा-भतीजे यानी केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और जमुई के सांसद चिराग पासवान के बीच हाजीपुर को लेकर उभरे जंग से भाजपा असमंजस में फंस गई है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गढ़ माने जाने वाले हाजीपुर के वर्तमान सांसद पशुपति कुमार पारस हैं। अब हाजीपुर सीट से चिराग पासवान ने दावा कर दिया है।

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई। राष्ट्रीय लोजपा का नेतृत्व जहां पारस कर रहे हैं, वहीं लोजपा (रामविलास) का नेतृत्व चिराग पासवान कर रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बुधवार को जयंती मनाई गई। इस मौके पर उनके बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति पारस के बीच एक बार फिर विरासत को लेकर 'जंग' खुलकर सामने आ गई।

जमुई से मौजूदा सांसद चिराग पासवान ने घोषणा किया है कि 2024 का लोकसभा चुनाव वह हाजीपुर से लड़ेंगे, जहां से उनके पिता लड़ा करते थे। उन्होंने कहा कि वे हाजीपुर के लिए काम करेंगे और अपने पिता के सपने को पूरा करेंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके पिता हमेशा चाहते थे कि मैं हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूं। चिराग के इस घोषणा के बाद चाचा -भतीजा की जंग फिर खुलकर सामने आ गई।

इधर, पशुपति पारस ने खुद को रामविलास की विरासत संभालने वाला बताते हुए कहा कि यही कारण है कि उन्होंने मुझे यहां से चुनाव लड़ाया। उन्होंने यहां तक कहा कि वे 2019 में चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन रामविलास पासवान के कहने पर वह चुनावी मैदान में उतरे थे।

लोकसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजे में सुलह का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। पशुपति कुमार पारस फिलहाल एनडीए के साथ हैं और चिराग भी एनडीए के नजदीक ही दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि अगर दोनों एनडीए में रहे तो आखिर हाजीपुर किसके हिस्से जाएगी, यह देखने वाली बात होगी।


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