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अनधिकृत नामांकन से ममता के पार्टी पर नियंत्रण को लेकर संशय गहराया

तृणमूल कांग्रेस द्वारा नियुक्त दो डिप्टी से मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद दो नगर पालिकाओं-डायमंड हार्बर नगर पालिका और बज बज नगर पालिका के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया

अनधिकृत नामांकन से ममता के पार्टी पर नियंत्रण को लेकर संशय गहराया
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कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस द्वारा नियुक्त दो डिप्टी से मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद दो नगर पालिकाओं-डायमंड हार्बर नगर पालिका और बज बज नगर पालिका के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया, जिससे पार्टी पर अध्यक्ष ममता बनर्जी के नियंत्रण पर संदेह की गुंजाइश बन गई। दिलचस्प बात यह है कि दोनों नगरपालिकाएं डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं, जहां से मुख्यमंत्री के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सांसद हैं।

इतना ही नहीं, दक्षिण 24 परगना राज्यमंत्री अरूप बिस्वास के समन्वयक, जिन्हें खुद मुख्यमंत्री ने नामित किया था, उनकी जगह अचानक कुणाल घोष और सौकत मुल्ला को ले लिया गया, जो अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाते हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी और उनके भतीजे के बीच मतभेदों का नतीजा था और राज्य के 108 नगर निकायों में आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची को लेकर हंगामा हुआ।

एक सूची, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित किया गया था, को पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुब्रत बख्शी द्वारा जारी किया गया था, जबकि दूसरी को पार्टी के फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर अपलोड किया गया था। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि सूची को अपलोड करने के लिए कौन जिम्मेदार था, लेकिन पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि इसके पीछे विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी द्वारा नियुक्त चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का पेशेवर समूह आई-पैक था।

कोलकाता के मेयर और ममता बनर्जी के करीबी फिरहाद हकीम ने कहा कि दूसरी सूची उन लोगों द्वारा अपलोड की गई थी, जिन्हें पार्टी के डिजिटल मीडिया पासवर्ड तक अनधिकृत रूप से दे दिया गया था, जो दर्शाता है कि इसके पीछे आई-पैक का हाथ था।


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