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किसान विरोधी नीतियों से राज्य में अघोषित आपातकाल जैसे हालात

किसान नेता कोकरी ने राज्य सरकार की कर्मचारी तथा किसान विरोधी नीतियों की निंदा करते हुये कहा कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं

किसान विरोधी नीतियों से राज्य में अघोषित आपातकाल जैसे हालात
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मोगा। भारतीय किसान यूनियन (एकता) सहित पंजाब की कई किसान यूनियनों ने राज्य सरकार की किसान विरोधी तथा कर्मचारी विरोधी नीतियों की निंदा करते हुये कहा है कि राज्य में अघोषित आपातकाल जैसे हालात बना दिये गये हैं ताकि लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन किया जा सके ।

भाकियू (एकता)के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने आज यहां यूनियनों की बैठक के बाद राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुये कहा कि यदि सरकार ने पटियाला पुलिस की ओर से किसान नेताओं तथा अध्यापकों के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं लिये तो संघर्ष की नौबत आ सकती है ।

उन्होंने कहा कि शिक्षक नेताओं तथा किसानों पर पटियाला कोर्ट में चालान दायर किये गये हैं जिनमें नेताओं पर प्रशासन के आदेशों की उल्लंघना के आरोप लगाये हैं ।किसान यूनियनें सरकार की चुनौती का सामना करने को तैयार हैं और शिक्षकों को पूरा समर्थन देने से पीछे नहीं हटेंगी ।

किसान नेता कोकरी ने राज्य सरकार की कर्मचारी तथा किसान विरोधी नीतियों की निंदा करते हुये कहा कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं ।

किसान की हालत के बारे में कोई सरकार सोचती नहीं ।जब तक अन्नदाता के प्रति सरकार का रवैया लचीला नहीं होता तब तक यही स्थिति बनी रहेगी । कांग्रेस किसानों के वोट लेकर सत्ता में आयी और कुर्सी मिलने के बाद किसानों से किये सारे वादे भूल गयी ।


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