अनधिकृत कॉलोनियों को 2020 तक तोड़-फोड़ से छूट मिले
राजधानी की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को बेघर होने से बचाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में संशोधन लाने

नई दिल्ली। राजधानी की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को बेघर होने से बचाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में संशोधन लाने की सिफारिश की है। इससे न सिर्फ अनधिकृत कॉलोनियों को 31 दिसंबर 2020 तक तोड़-फोड़ से राहत मिल सकेगी बल्कि अरसे से लंबित सीमांकन की प्रक्रिया और ले-आउट प्लान संबंधी कार्यों को भी पूरा कराया जा सकेगा।
स्थायी समिति के अध्यक्ष तिलकराज कटारिया के मुताबिक राजधानी में गैर नियोजित तरीके से बसाई गईं सैकड़ों कॉलोनियां मौजूद हैं। जिन्हें साल 2001 में पेश दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत हटाने का प्रावधान किया गया था। हालांकि इन कॉलोनियों को निगम की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम के विशेष प्रावधान 2014 के तहत 31 दिसंबर 2017 तक (तीन साल के लिए) तोड़-फोड़ से छूट दे दी थी। अब इन कॉलोनियों पर तोड़-फोड़ का साया एकबार फिर मंडरा रहा है।
लिहाजा इस बाबत एक प्रस्ताव पारित किया गया है। जिसकी सिफारिशें केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजी गई हैं। वहीं, स्थायी समिति के सदस्य जयप्रकाश ने कहा कि जबतक दिल्ली सरकार, अनधिकृत कॉलोनियों के सीमांकन का कार्य पूरा नहीं करेगी तबतक अवैध कॉलोनियों के लिए ले-आउट प्लान भी नहीं बन सकेगा। उन्होंने कहा किसी कॉलोनी की सीमाओं का निर्धारण होने के बाद ही उसका ले-आउट बनाया जा सकता है।
गौरतलब है कि दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत राजधानी की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को 31 दिसंबर 2017 तक छूट दी गई है। इसके बाद इन कॉलोनियों में निर्मित तमाम रिहायशी और गैर रिहायशी भवनों को तोड़ने-फोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दरअसल, सरकारी तोड़-फोड़ से छूट की यह अवधि करीब सवा दो महीने बाद समाप्त हो रही है। हालांकि इस बाबत केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए विशेष कानूनों के जरिये साल 2006, साल 2011 और साल 2014 में अनधिकृत कॉलोनियों को तोड़-फोड़ प्रक्रिया से राहत प्रदान की जा चुकी है। लेकिन सरकारी तोड़-फोड़ से छूट की यह अवधि करीब सवा दो महीने बाद समाप्त हो रही है।


