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संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण सूडान में खाद्य असुरक्षा, कुपोषण के अत्यधिक स्तर पर जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दुनिया को दक्षिण सूडान पर आंखें नहीं मूंदनी चाहिए, जहां जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और आर्थिक कठिनाई लाखों लोगों को खाद्य असुरक्षा की ओर धकेल रही है

संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण सूडान में खाद्य असुरक्षा, कुपोषण के अत्यधिक स्तर पर जताई चिंता
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जुबा। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दुनिया को दक्षिण सूडान पर आंखें नहीं मूंदनी चाहिए, जहां जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और आर्थिक कठिनाई लाखों लोगों को खाद्य असुरक्षा की ओर धकेल रही है।

संयुक्त राष्ट्र के अकाल निवारण और प्रतिक्रिया समन्वयक रीना घेलानी और दक्षिण सूडान में कार्यवाहक मानवतावादी समन्वयक मैरी हेलेन वर्नी ने सोमवार को दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के चरम स्तर ने दक्षिण सूडान को नुकसान पहुंचाया है।

श‍िन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्नी ने निरंतर सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि दक्षिण सूडान को अपने लोगों के लिए दीर्घकालिक समाधान खोजने और संकट से निपटने के लिए जलवायु निधि तक तत्काल पहुंच की आवश्यकता है।

उन्‍होंने कहा,"दक्षिण सूडान जलवायु परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में है। पिछले साल, दस लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे, कई लोगों को देश में कहीं और जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, आजीविका के नए स्रोत खोजने पड़े।''

मानवतावादी कार्यकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि 2024 में नौ मिलियन लोगों को सहायता की आवश्यकता होगी।

इनमें से, मानवतावादी छह मिलियन लोगों को जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए 1.8 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि लोगों को मदद करने के लिए शुरुआती फंडिंग महत्वपूर्ण है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जुलाई 2023 से जून 2024 तक अनुमानित 1.6 मिलियन बच्चों (6-59 महीने) के तीव्र कुपोषण से पीड़ित होने की आशंका है।

घेलानी ने कहा, "हमें दक्षिण सूडान में अकाल-मुक्त भविष्य के निर्माण के लिए स्थायी और दीर्घकालिक समाधानों में निवेश करना चाहिए।"

उन्‍होंने कहा,"हम अपनी निगरानी में लोगों को भूखा नहीं मरने दे सकते। मैंने देखा है कि कैसे महिलाएं और युवा लोग अपनी खाने की आवश्‍यकता खुद पूरा कर सकते हैं और सहयोग मिलने पर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। हमें दक्षिण सूडान में अकाल-मुक्त भविष्य के लिए टिकाऊ और दीर्घकालिक समाधानों में निवेश करना चाहिए।" ,

एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (आईपीसी 5) के अनुसार, सूडान में पहले से ही लगभग 25,000 लोग भूख के भयावह स्तर का अनुभव कर रहे हैं। इसने चेतावनी दी कि यदि तत्काल सहायता प्रदान नहीं की गई तो आने वाले महीनों में यह संख्या लगभग 80,000 तक बढ़ सकती है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दक्षिण सूडानी कई अंतर-संबंधित संकटों के संचयी और मिश्रित प्रभावों का सामना कर रहे हैं। इसमें सूडान में संकट के प्रभाव, बाढ़ और स्थानीय सूखे जैसी की स्थिति जैसे जलवायु झटके और आर्थिक संकट शामिल हैं। यह संकट मुद्रा के अवमूल्यन और वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रेरित है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि फंडिंग में कटौती के कारण मानवतावादी राशन आधा करने और अपना समर्थन कम करने के लिए मजबूर हैं।


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