Top
Begin typing your search above and press return to search.

जलवायु मसौदे में संयुक्त राष्ट्र ने मानी भारत की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने सीओपी27 शिखर सम्मेलन के आधार पर तैयार की गई संधि का पहला मसौदा सार्वजनिक किया है. सभी जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से बंद ना करने की भारत और यूरोपीय संघ की अपील को मान लिया गया है

जलवायु मसौदे में संयुक्त राष्ट्र ने मानी भारत की अपील
X

संयुक्त राष्ट्र की जलवायु संस्था ने इस मसौदे को फिल्हाल "नॉन-पेपर" का नाम दिया है, जो इस बात का संकेत है कि यह अंतिम संस्करण नहीं है. इसमें पिछले साल की ग्लासगो जलवायु संधि के लक्ष्य को दोहराया गया है.

यह लक्ष्य "अनियंत्रित कोयला आधारित बिजली के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के कदमों को तेज करने और जीवाश्म ईंधनों से जुड़ी बेअसर सब्सिडियों को कम करने और धीरे धीरे खत्म करने" के विषय में है.

भारत का अनुरोध

इस दस्तावेज में सभी जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने की मांग नहीं की गई है. भारत और यूरोपीय संघ ने ऐसा ना करने का अनुरोध किया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है. मसौदे में घाटे और नुकसान के लिए एक कोष की स्थापना करने के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं है.

यह द्वीप देशों जैसे अधिकांश जलवायु परिवर्तन के प्रति ज्यादा संवेदनशील देशों की एक प्रमुख मांग थी. मसौदे में बस इस बात का "स्वागत" किया गया है कि पहली बार सभी पक्षों ने माना कि शिखर सम्मलेन के एजेंडा पर "घाटे और नुकसान के प्रति फंडिंग से संबंधित मामलों" को शामिल किया जाए.

इसमें यह तय करने की किसी समय-सीमा का जिक्र नहीं है कि अलग से एक कोष बनाया जाना चाहिए या नहीं या उसका प्रारूप कैसा हो. ऐसा करने से वार्ताकारों को इस विवादास्पद विषय पर काम करते रहने के लिए और समय मिल गया.

मसौदे में पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर स्तर पर हर कोशिश की अहमियत पर जोर दिया गया है. यह लक्ष्य है वैश्विक औसत तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से दो डिग्री सेल्सियस तक नीचे रखना और पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तकसीमित करने की कोशिश करना.

मसौदा इन विषयों को अंतिम संधि में शामिल करने के करीब 200 देशों के प्रतिनिधियों के अनुरोधों पर आधारित है. यह आने वाले दिनों में उस बातचीत का आधार बनेगा जिससे अंतिम संधि को मुकम्मल रूप दिया जाएगा.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it