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शराबबंदी पर उमा भारती की नए साल में नई तैयारी, ये है उनका एक्शन प्लान

कुछ दिन पहले भी उमा भारती ने नशाबंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। जिस तरह से उन्होंने आशंका जताई है उससे साफ है कि कहीं न कहीं शिवराज सरकार पर उन्हें भरोसा नहीं है और शराबबंदी को लेकर वह अब अपनी ही सरकार के विरुद्ध बड़ी लड़ाई लड़ सकती हैं

शराबबंदी पर उमा भारती की नए साल में नई तैयारी, ये है उनका एक्शन प्लान
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गजेन्द्र इंगले
भोपाल: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती शराबबंदी की मांग को लेकर लगातार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ी करती रही है। शराबबंदी की उनकी मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए आफत बन गई है। अब नए साल में जनवरी से नई शराब नीति आने पर उमा भारती अपने शराबबंदी मुहिम को फिर से तेज करने का मन बना चुकी हैं।
उमा भारती ने लगातार छह ट्वीट किये हैं और लिखा है कि ‘जब 8 तारीख़ पूर्णिमा को भोपाल छोड़ा तो जैसा सोचा था उसमें आवास व्यवस्था में कुछ संशोधन करना पड़ा। क्यूँकि मेरी देखरेख में लगी पुलिस और प्रशासन को मेरी वजह से बहुत असुविधा होने लगी थी। आज से तीन दिन तक अपने आवास भोपाल में रहूँगी। कुछ ज़रूरी मेडिकल चेकअप होने हैं । कोरोना के दोनों लहर में कोरोनाग्रस्त होने के कारण बहुत जोर से शुगर और बीपी हो गए हैं। इस बीच के प्रवास में थोड़ी लापरवाही हुई हैं।
आगे उन्होने लिखा है कि ‘ आज से तीन दिन तक अपने आवास भोपाल में रहूँगी । इसलिए 3 दिन में चेकअप हो जाने के बाद पुनः भ्रमण पर निकलूँगी एवं आपको बताती रहूँगी की मैं कहा हूँ।अभी तक के भ्रमण से यह बात साफ़ हो गई, पूरे प्रदेश की जनता को शराब के ख़िलाफ़ करने के लिए किसी आन्दोलन या अभियान की ज़रूरत नहीं हैं पूरे प्रदेश के लोग शराब के ख़िलाफ़ हैं। अब तो शराब पर हमारे सरकार की नई संशोधित शराब नीति जो की जनवरी में घोषित होकर अप्रैल से लागू हो जायेगी, उसी नीति की प्रतीक्षा हैं। मैं आशान्वित भी हूँ, आशंकित भी हूँ और जैसा की पहले से ही तय है की 17 जनवरी के बाद आर या पार की लड़ाई भी हो सकती हैं।’
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी उमा भारती ने नशाबंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। अब उन्होने घोषणा कर दी है कि जनवरी में शराब नीति आने के बाद इसे लेकर वो अपना रूख साफ करेंगी। लेकिन जिस तरह से उन्होंने आशंका जताई है उससे साफ है कि कहीं न कहीं शिवराज सरकार पर उन्हें भरोसा नहीं है और शराबबंदी को लेकर वह अब अपनी ही सरकार के विरुद्ध बड़ी लड़ाई लड़ सकती हैं।


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