Top
Begin typing your search above and press return to search.

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उमा भारती नाराज

सुश्री भारती अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूराे (सीबीआई) की अदालत में पेश होने के लिए लखनऊ गयीं हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उमा भारती नाराज
X

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उपाध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के विस्तार के ठीक पहले जातीय असंतुलन को लेकर पार्टी नेतृत्व के समक्ष ‘सैद्धांतिक असहमति’ का इजहार किया है और मांग की है कि मंत्रिमंडल की सूची को संतुलित किया जाये।

सूत्रों ने बताया कि सुश्री भारती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संदेश भेज कर राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार में ‘सैद्धांतिक मुद्दों’ पर गहरी आपत्ति व्यक्त की है।

सूत्रों के अनुसार सुश्री भारती ने भाजपा नेतृत्व को भेजे संदेश में कहा है, “अभी मुझे मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल की जो जानकारियां मिल रहीं हैं, जिनके अनुसार प्रस्तावित मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण बिगड़ा हुआ है, जिसका मुझे दुख है। ......मंत्रिमंडल के गठन में मेरे सुझावों की पूर्णतः अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे मै जुड़ी हुई हूँ इसलिये जैसे कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की है उसके अनुसार सूची में संशोधन कीजिये।”

इस बारे में जब सुश्री भारती से लखनऊ में संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने ना तो इसका खंडन किया और ना पुष्टि।

सुश्री भारती अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूराे (सीबीआई) की अदालत में पेश होने के लिए लखनऊ गयीं हैं।

सूत्रों के अनुसार सुश्री भारती ने पार्टी नेतृत्व से कहा है कि वह छह साल की आयु से हिन्दू संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रही हैं और वह संन्यासी हैं लेकिन भाजपा को उन्होंने हिन्दू होने, संन्यासी होने, पिछड़े वर्ग का होने, महिला होने और लोधी जाति का होने का पूरा पूरा लाभ उठाने दिया है। उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों एवं लोकसभा चुनावों में इस जाति विशेष का ध्यान रखा गया और स्वयं उन्होंने भी इन समुदायों के लिए अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दिया जबकि उन्हें इस बात का हमेशा रंज रहा कि उनकी क्षमताएं सीमित की जा रहीं हैं।

सूत्रों के अनुसार सुश्री भारती ने अपनी पूरी राजनीतिक यात्रा को याद करते हुए कहा है कि उन्हें 27 वर्ष की आयु से 55 वर्ष तक की आयु में छह बार सांसद, दो बार दो राज्यों से विधायक, 11 साल तक केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव और उपाध्यक्ष और युवा मोर्चा अध्यक्ष के पद पर रहने का मौका मिला है। भाजपा ने उन्हें साधारण व्यक्ति से महत्वपूर्ण बना दिया।

सुश्री भारती ने मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण बिगड़ा होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने साथियों के साथ भाजपा में आने की एवं कांग्रेस के ध्वस्त होने की भारी ख़ुशी है। लेकिन मंत्रिमंडल के गठन में उनके सुझावों की पूर्णतः अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे वह जुड़ी हुई हैं। इसलिये मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it