उज्जैन की जीवाजी राव वैधशाला इंटरनेट पर
मध्यप्रदेश में कालगणना की नगरी उज्जैन में 17 वीं शताब्दी में स्थपित जीवाजी राव वैधशाला की बेवसाइट पर देश की चार प्रमुख वैधशालाओं के इतिहास एवं खगोलीय घटनाओं सहित अन्य जानकारी अब आसानी से मिल सकेगी
उज्जैन। मध्यप्रदेश में कालगणना की नगरी उज्जैन में 17 वीं शताब्दी में स्थपित जीवाजी राव वैधशाला की बेवसाइट पर देश की चार प्रमुख वैधशालाओं के इतिहास एवं खगोलीय घटनाओं सहित अन्य जानकारी अब आसानी से मिल सकेगी। राजस्थान में जयपुर के राजा सवाई मानसिंह (द्वितीय) ने कालगणना की रुचि को लेकर उज्जैन सहित महाराष्ट्र के नासिक, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मथुरा और बनारस में वैधशालाओं का निर्माण कराया था।
उज्जैन वैधशाला का वर्ष 1719 में निर्माण हुआ था। उज्जैन वैधशाला के यंत्र फिलहाल भी परिचालन की हालत में है। अब इसके अाधुनिकीकरण के तहत प्राचीनतम पांच यंत्रों के देखभाल के अलावा टेलीस्कोप, तारा मंडल और सीडी शो का अायोजन किया जा रहा है।
उज्जैन वैधशाला का डिजीटलीककरण भी किया जा रहा है।
साथ ही बेवसाइट भी तैयार की गई है। ताकि लोगों को कालगणना संबंधी खगोलीय घटना की जानकारी उपलब्ध हो सके। वैधशाला के अधीक्षक रामप्रकाश गुप्त ने बताया कि बेवसाइट पर वैधशाला के चित्र एवं इतिहास, संबंधित समाचार और घटनाएं , सवाई मानसिंह की प्रतिमा, प्राचीन पांच यंत्रों के नये चित्र, टेलीस्कोप और 3डी थियेटर के साथ मौसम की जानकारी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही पांचांग में दी जाने वाली जानकारी और पुस्तकालय भी उपलब्ध रहेगी।


