Top
Begin typing your search above and press return to search.

उद्धव गुट ने शिंदे-फडणवीस को कर्नाटक चुनाव में एमईएस के लिए प्रचार करने की चुनौती दी

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को शर्मनाक स्थिति में धकेलते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की चुनौती दी

उद्धव गुट ने शिंदे-फडणवीस को कर्नाटक चुनाव में एमईएस के लिए प्रचार करने की चुनौती दी
X

मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को शर्मनाक स्थिति में धकेलते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की चुनौती दी।

एमईएस छह दशकों से भी ज्यादा समय से बेलगावी तथा अन्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के मराठी भाषी लोगों के हितों के लिए लड़ रही है। उसने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले चुनाव में भाजपा के खिलाफ अपने छह उम्मीदवार खड़े किए हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने शिंदे-फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा, अगर वे वास्तव में सीमा पर मराठी लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित हैं, तो उन्हें वहां जाना चाहिए और एमईएस उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना चाहिए। दोनों राज्यों में यह एक राजनीतिक-सह-भावनात्मक विषय है।

राउत ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वह 3-4 मई को बेलगावी में एमईएस उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने जा रहे हैं। पार्टी के अन्य नेताओं के भी ऐसा करने की संभावना है।

इसी तरह, विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के दूसरे सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी वहां भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ एमईएस उम्मीदवारों को जीतने में मदद करने की योजना बनाई है।

राउत ने कहा कि वह एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ एमईएस उम्मीदवारों को मजबूत करने के मुद्दे पर पहले ही चर्चा कर चुके हैं।

मैं शिंदे-फडणवीस से भी अनुरोध करता हूं कि हमारे साथ आएं और बेलगाम में एमईएस उम्मीदवारों के लिए प्रचार करें। यदि वे नहीं आते हैं, तो सीमावर्ती क्षेत्रों के मराठी भाषी लोगों के साथ खड़े होने का उनका आश्वासन खोखला है। इसलिए उन्हें एमईएस लिए सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।

पिछले साल की अंतिम तिमाही में कर्नाटक और महाराष्ट्र की सरकारें विभिन्न नीतिगत मुद्दों और विवादित सीमा क्षेत्रों पर दोनों पक्षों द्वारा लोगों के लिए घोषित विशेष पहलों को लेकर आमने-सामने थीं।

विवाद बढ़ने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक कोई भी दावा करने से परहेज करने का आदेश दिया जिससे मामला अस्थायी रूप से ठंडा हुआ।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it