बिजली विभाग के 2 अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं उप्र पावर काॅरपोरेशन अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कार्मिकों के जीपीएफ एवं सीपीएफ की धनराशि को निजी संस्था में नियम विरुद्ध सावधि जमा करने वाले ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता एवं तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। श्री योगी ने मामला संज्ञान में आते ही गृह विभाग एवं पुलिस महानिदेशक को दोषियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
उन्होने बताया कि ट्रस्ट कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार प्रवीण कुमार गुप्ता सीपीएफ ट्रस्ट एवं जीपीएफ ट्रस्ट, दोनों का कार्यभार देख रहे थे। उन्होंने तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी से अनुमोदन प्राप्त कर वित्त मंत्रालय के दो मार्च, 2015 के स्पष्ट दिशा निर्देशों के विपरीत दुराशयपूर्वक, समग्र विनियोजन के 50 प्रतिशत से अधिक की धनराशि को दीवान हाउसिंग फाइनेंस काॅरपोरेशन लि नामक निजी संस्था की सावधि जमा में विनियोजित किया। वे यह जानते थे कि संस्था अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में नहीं आती है और एक असुरक्षित निजी संस्था है।
ट्रस्ट कार्यालय में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार कार्मिकों के सामान्य भविष्य निधि की 2631.20 करोड़ रुपए की धनराशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस काॅरपोरेशन लि में निवेशित की गई, जिसमें से 1185.50 करोड़ रुपए ट्रस्ट कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं तथा 1445.70 करोड़ रुपए की प्राप्ति अभी भी लम्बित है। इसी प्रकार कार्मिकों के अंशदायी भविष्य निधि की 1491.50 करोड़ रुपए की धनराशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस काॅर्पोरेशन लि में निवेशित की गई, जिसमें से 669.30 करोड़ रुपए ट्रस्ट कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं एवं 822.20 करोड़ रुपए प्राप्त होना अभी भी लम्बित है। इस प्रकार 2267.90 करोड़ रुपए (मूलधन) दीवान हाउसिंग फाइनेंस काॅर्पोरेशन लि0 से प्राप्त किया जाना लम्बित है।


