पाकिस्तान की गोली से दो शहीद
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के 2003 में हुए समझौते का 'अक्षरश' पालन करने पर सहमत होने के करीब एक हफ्ते बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे

जम्मू। भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के 2003 में हुए समझौते का 'अक्षरश' पालन करने पर सहमत होने के करीब एक हफ्ते बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे और गोलीबारी की जिसमें सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी समेत दो जवान शहीद हो गए।
पाकिस्तानी सैनिकों ने अखनूर सेक्टर के प्रगवाल इलाके और नजदीक के कंचक और खौर सेक्टरों में भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागे जिसमें एक पुलिसकर्मी और एक महिला समेत 13 लोग जख्मी भी हुए हैं। इस वजह से लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। पुलिस ने कहा कि अखनूर सेक्टर के परगवाल उपसेक्टर में पाकिस्तान द्वारा वर्ष 2003 के संघर्षविराम उल्लंघन में सहायक सब इंस्पेक्टर एस.एन.यादव और कांस्टेबल वी.के पांडे शहीद हो गए।
30 गांव और 10 बीएसएफ चौकियां प्रभावित
इस पाकिस्तानी कार्रवाई से प्रभावित हुए इलाके में 30 गांव और 10 बीएसएफ चौकियां हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि घायल हुए पांच नागरिकों और एक बीएसएफ जवान को जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान रेंजर्स के गोले परगवाल व कानाचक उप-सेक्टर में अंदर तक गिरे। पुलिस नागरिकों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बुलेटप्रूफ वाहनों का उपयोग कर रही है। पाकिस्तानी गोलीबारी व गोलाबारी तड़के 3.30 बजे शुरू हुई और सुबह 10 बजे तक जारी रही।
भारतीय बलों ने भी इसका दृढ़ता से जवाब दिया। छह घायलों की पहचान, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल जाकिर खान, सुलक्षणा देवी (25), बंसीलाल (40) बलविंदर सिंह (22), सुधाकर सिंह (50) और विक्रम सिंह (34) के तौर पर हुई है। गौरतलब है कि 29 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों ने जम्मू कश्मीर में सरहद पर गोलीबारी की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए 2003 के संघर्षविराम समझौते को फिर से लागू करने पर सहमति जताई थी।


