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मुख्यमंत्री की पहल पर गोरखनाथ मंदिर की तरफ से जिला प्रशासन को सौंपे गए 2 लाउडस्पीकर

यूपी के धार्मिक स्थलों में अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटाने में सफलता मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी की एक और पहल की चर्चा जोरों पर है

मुख्यमंत्री की पहल पर गोरखनाथ मंदिर की तरफ से जिला प्रशासन को सौंपे गए 2 लाउडस्पीकर
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गोरखपुर। यूपी के धार्मिक स्थलों में अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटाने में सफलता मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी की एक और पहल की चर्चा जोरों पर है। उतारे गए लाउडस्पीकरों को उन्होंने शिक्षण संस्थान को देने को कहा है। इसकी शुरूआत भी गोरक्षनाथ के मंदिर से हुई है। गोरखनाथ मंदिर ने दो लाउडस्पीकर जिला प्रशासन को सौंपे हैं। जिला प्रशासन की तरफ से ये लाउडस्पीकर स्कूलों तक पहुंचा दिए गए हैं। अब यह शिक्षा के मंदिरों में गोरखनाथ मंदिर के ये लाउडस्पीकर प्रार्थना, राष्ट्रगान और बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के काम आएंगे।

उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के लिए निर्देश जारी किए थे। इस निर्देश का अनुपालन पूरे प्रदेश में बिना भेदभाव बेहद शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। निर्देश जारी होते ही सबसे पहली पहल उस गोरखनाथ मंदिर से हुई जिसके पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री स्वयं हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां मंदिर की चहारदीवारी की तरफ लगे लाउडस्पीकरों का मुंह मंदिर परिसर की ओर करने के साथ इनकी आवाज को मानक (45 डेसिबल) से भी कम कर दिया गया।

अब सीएम योगी ने यह तय किया है कि धर्मस्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर स्कूलों को दिए जाएंगे। इस निर्णय के अनुपालन में भी सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर आगे आया है। शुक्रवार को मंदिर प्रबंधन की तरफ से दो लाउडस्पीकर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा को सौंप दिए गए। जिला प्रशासन ने इन लाउडस्पीकरों को स्कूलों को उपलब्ध करा दिया है। ये लाउडस्पीकर स्कूलों में बच्चों की प्रार्थना सभा, राष्ट्रगान और समय-समय पर स्कूलों में होने वाले सांस्कृतिक समारोहों व अन्य प्रतियोगी कार्यक्रमों में प्रयोग होंगे।

मुख्यमंत्री किसी भी जनहित वाले निर्णय को सबसे पहले खुद पर लागू कर नजीर पेश करते रहे हैं। इसी कड़ी में सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर में लाउडस्पीकरों की आवाज और कम करने की पहल हुई। अब स्कूलों के लिए लाउडस्पीकर देने की शुरूआत भी इसी मंदिर से हुई है। इसके पहले मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के सामने की सड़क को फोरलेन बनवाने के लिए मंदिर परिसर की बाउंड्री तोड़वाने में थोड़ी भी हिचक नहीं दिखाई थी। उनका संदेश साफ है कि जनहित उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि धर्मस्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर किसी भी दशा में दोबारा से न लगने पाएं। अगर लाउडस्पीकर दोराबा लगाए गए तो संबंधित थानाध्यक्ष, सीओ, एसडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट को उत्तरदायी बनाया गया है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद शासन ने शुक्रवार को विस्तृत आदेश जारी कर सभी विभागों की जवाबदेही तय कर दी है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि धर्मस्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर स्कूलों की प्रार्थना सभा या क्षेत्र में पब्लिक एड्रेस सिस्टम में इस्तेमाल किया जाए।


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