6 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजे गए दो मानवाधिकार कार्यकर्ता
पुणे की एक विशेष अदालत ने आज मानवाधिकार कार्यकर्ता वर्नान एस. गोनसालविस और अरुण टी. फरेरा को छह नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया

पुणे। पुणे की एक विशेष अदालत ने आज मानवाधिकार कार्यकर्ता वर्नान एस. गोनसालविस और अरुण टी. फरेरा को छह नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव जातीय दंगों के लिए कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम अदालत के विशेष न्यायाधीश के.डी. वडाने ने शुक्रावर शाम सुधा भारद्वाज, गोनसालविस और फरेरा की जमानत याचिका खारिज करते हुए एक समान आदेश जारी किया था, जिसके बाद हिरासत बढ़ाई गई। तीनों कार्यकर्ताओं के खिलाफ यहां विश्रामबाग पुलिस थाने में मामला दर्ज है।
जमानत याचिकाएं खारिज होने के तुरंत बाद गोनसालविस को उनके पुणे स्थित आवास और फरेरा को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया गया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद करीब दो महीने से यह नजरबंद थे।
पुलिस की एक टीम हरियाणा के फरीदाबाद की ओर रवाना हो चुकी है और उन्हें जल्द ही पुणे लाया जा सकता है।


