Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से...

दिल्ली सरकार ने बुधवार को दो दिवसीय विशेष सत्र का ऐलान किया है

दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से...
X

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को दो दिवसीय विशेष सत्र का ऐलान किया है और इस दौरान सरकार जहां लेाक निर्माण विभाग व नगर निगम के नालों की सफाई को लेकर विधानसभा की याचिका समिति की रिपोर्ट सदन में पेश करने की तैयारी कर रही है, वहीं सवाल उठने लगे हैं कि सरकार इस रिपोर्ट से किसे घेरने की भूमिका तैयार करेगी? दिल्ली नगर निगम में सत्ताशीन भाजपा के अलावा क्या लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन भी निशाने पर होंगे? विपक्ष जरूर लोक निर्माण मंत्री के इस्तीफे पर सदन के बाहर व भीतर दबाव बनाने की रणनीति में जुटा हुआ है।

लोक निर्माण विभाग में 200 करोड़ के घोटालों का खुलासा करने का दावा करने वाले राहुल शर्मा ने कहा कि दिल्ली की 150 से अधिक सड़कों, नालों में यह घोटाला हुआ और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए घोटालों के दस्तावेज मांगे थे। मैं बुधवार सुबह यह सबूत देने जा रहा हूं। जबकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दो दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात है क्योंकि अभी तक सदस्यों को बैठक की कार्यसूची तक नहीं मिली है।

सरकार कुटिल रणनीति के तहत इसे हमेशा गुप्त रखती है। सदन प्रारम्भ होने पर उसे सीधे वेबसाइट पर डाला जाता है तथा सदन के प्रारम्भ होने पर सदस्यों को सभागार में ही वितरित की जाती है। पूरी कार्यवाही इसलिए गुप्त रखी जाती है कि विपक्ष को तैयारी करने का मौका ही न मिले। नियम 32 में यदि कोई सदस्य अल्पसूचना प्रश्न पूछना चाहता है तो कम से कम तीन दिन पूर्व लिखित सूचना सदन को देनी होती है।

इसी तरह विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि नियम 33 के अन्तर्गत तारांकित और अतारांकित प्रश्नों की सूचना कम से कम 12 स्पष्ट दिन पूर्व दी जाती है। नियम 89 के अन्तर्गत गैर सरकारी सदस्यों द्वारा संकल्पो की सूचना 12 दिन पहले देनी होती है। इससे साफ है कि कोई सदस्य सवाल ही नहीं पूछ सकता है।

उन्होंने कहा कि कल से प्रारम्भ होने वाला सदन पांचवे सत्र का चौथा भाग है। एक ही सत्र को विभिन्न भागों में विभाजित करना आम आदमी पार्टी सरकार की चाल है। सरकार ऐसा करके विपक्ष के मूलभूत अधिकारों का हनन कर रही है क्योंकि वह उसे जनहित के मामलों को उठाने का मौका ही नहीं देना चाहती है।

उन्होंने मांग की है कि सरकार भागों में सत्र को बुलाने की प्रथा खत्म कर प्रत्येक सत्र की तैयारी के लिए विपक्ष, तथा सभी सदस्यों को नियमानुसार 14 दिन का समय दें। उन्होंने आरोप लगाया कि कल से प्रारम्भ होने वाले सत्र में सरकार ने पूरी तैयारी करी है कि विपक्ष को बोलने का मौका नहीं मिले।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it