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महिलाओं को 1500 रुपए व बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बनी दो समितियां
कांग्रेस सरकार ने लोहड़ी पर कार्मिकों को ओपीएस बहाली का तोहफा दिया

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने लोहड़ी पर कार्मिकों को ओपीएस बहाली का तोहफा दिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में वायदे के मुताबिक सरकार ने कांग्रेस की पहली चुनावी गारंटी को पूरा किया। ओपीएस बहाली के सरकार के फैसले से एक लाख 36 हजार कर्मियों व अफसरों को राहत मिलेगी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद शिमला में पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ओपीएस बहाली के फैसले की जानकारी दी। पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री मुकेश अज्निहोत्री, काबिना मंत्री रोहित ठाकुर, डॉ धनी राम शांडिल, जगत सिंह नेगी व हर्षवद्र्धन चौहान के अलावा सीपीएस संजय अवस्थी व मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान भी उपस्थित थे।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ओपीएस बहाली के फैसले को लेकर अधिसूचना एक दो दिनों में जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के साथ ऐसे बोर्डों व निगमों के कर्मियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा जिनमें पेंशन का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि ओपीएस बहाली का फैसला न्याय संगत है। बेशक इस फैसले को लेकर काफी अड़चनें भी आई , मगर सरकार ने इसे लागू किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सोलन में कांग्रेस रैली के दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अज्निहोत्री तथा वह प्रियंका गांधी के साथ थे। उपायुक्त कार्यालय के समीप ओपीएस बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी बैठे हुए थे। इन कर्मियों को सुनने के बाद प्रियंका गांधी ने उन्हें ओपीएस बहाली को लेकर कहा था।
प्रदेश की पूर्व जयराम सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को छठे पंजाब वेतन आयोग के एरियर के करीब 9 हजार करोड़ के बकाया का भुगतान अटका हुआ है। इसमें पेंशन भोगियों के एरियर की 5226 व कर्मियों की 4430 करोड़ की रकम शामिल हगै।
इसके अलावा डीए के एरियर का करीब एक हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने नहीं किया। करीब दस हजार करोड़ की कर्मियों व पेंशन भोगियों की देनदारियों के अलावा पूर्व सरकार से 75 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है।
पूर्व सरकार के अंतिम छह माह में खोले गए संस्थानों को चलाने के लिए करीब 5 हजार करोड़ की रकम चाहिए। मगर अब सरकार जरूरत के हिसाब से संस्थानों को खोलेगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस बहाली सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि संसाधन बढ़ाने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ रही है। संसाधन जुटाने के लिए कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है।
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सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के एनपीएस कर्मियों व इसमें सरकार के अंशदान के करीब 8 हजार करोड़ केंद्र के पास हैं। सरकार ने इस रकम की वापसी के लिए केंद्र को पत्र लिखा। मगर केंद्र ने यह कहते हुए राशि लौटाने से इनकार कर दिया कि वह सरकार को इस रकम को लौटाने को बाध्य नहीं। राशि व्यक्तिगत तौर पर कर्मियों को ही मिलेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओपीएस बहाली से खजाने पर पडऩे वाले बोझ का इंतजाम सरकार डीजल पर वैट की दरों मेें इजाफा करने से आने वाली रकम से करे ।
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महिलाओं को ₹1500 प्रति महीना और एक साख युवाओं को रोजगार देने के मकसद से मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है कि तीन तीन सदस्यों की दो समितियां बनाई गई है जो 13 फरवरी को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी कि किस तरह यह दोनों गारंटियां पूरी की जाएगी।
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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि जिन बोर्ड और कॉरपोरेशन में कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलती है वह उनसे बात करके पेंशन की समस्या का समाधान करेंगे यह जवाब उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में दी । मुख्यमंत्री से पूछा गया था कि जिन बोर्ड कॉरपोरेशन में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं मिलती है सरकार उनके बारे में क्या विचार रखती है। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनसे बात करके पेशन समस्या का हल निकालेंगे।
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पुरानी पेंशन योजना यानि ओपीएस देने के लिए धन का प्रावधान डीजल पर बढ़े हुए वैट के माध्यम से जुटाया जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले वैट काफी कम है।
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