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पहली बारिश में ही दो करोड़ का रपटा क्षतिग्रस्त

अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग केरता महान नदी का पुल गत वर्ष भारी बारिश के पश्चात बह जाने के बाद नवनिर्मित रपटा पुल निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुये ग्रामीणों ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन किया

पहली बारिश में ही दो करोड़ का रपटा क्षतिग्रस्त
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आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
जरही/भटगांव। अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग केरता महान नदी का पुल गत वर्ष भारी बारिश के पश्चात बह जाने के बाद नवनिर्मित रपटा पुल निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुये ग्रामीणों ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि रपटा की लागत दो करोड़ छियानबे लाख रुपए आई है। रपटा पुल निर्माण के बाद हुए पहली बारिश ने ही निम्रतर निर्माण की पोल खोल दी है। गत बुधवार को हुये बारिश के पश्चात प्रतापपुर-अंबिकापुर मुख्य मार्ग 2 दिन तक पूरी तरह बंद रहा,जिसके बाद रविवार को ग्रामीणों ने रोष जताते हुये पुल के पास ही चक्काजाम कर दिया।

चक्काजाम पश्चात एसडीएम व प्रशासन की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने जांच के आश्वासन के बाद मान गये। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बारिश में रपटा पर कई जगह कटाव हो गया है, जिसके बाद कोल वाहन, स्कूल के छात्र-छात्राएं, यात्री बस, मालवाहक वाहन पूरी तरह प्रभावित रही। कई लोगों द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर उक्त रपटा पुलिया से पार होने को मजबूर हो गये हैं। आरोप लगाया गया कि इस रपटा पुलिया में जमकर अनियमितता की गई है।

ग्रामीणों ने प्रशासन की उपस्थिति में बताया कि रपटा पुल निर्माण प्राकलन के अनुरुप कार्य करते हुए भारी अनियमितता की गई है, जिसमें रपटा में दोनों ओर सीसी सड़क निर्माण व पक्की नाली का निर्माण नहीं कराया गया तथा लंबाई कम कर दी गई। 7 मीटर चौड़ाई की जगह चौड़ाई 3.30 मीटर की गई है। आक्रोशित भीड़ व ग्रामीणों द्वारा सुबह लगभग 10 बजे से 2 बजे तक रास्ता अवरुद्ध कर चक्काजाम किये व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच कर कार्यवाही की मांग की है।

ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन देख सेतु निगम के ईई अपने निजी वाहन से मौके से फरार हो गये। एसडीएम जगन्नाथ वर्मा नेे मामले को गंभीरता से लेते हुये ग्रामीणों की मांग पर सेतु निगम के अधिकारी व कर्मचारी से संपूर्ण तथ्यों की जांच की, तो मौके पर जिस रपटा की लंबाई 120 मीटर होनी थी उसमें 102 मीटर ही मिला। सीसी रोड 140 मीटर की जगह 110 मीटर, चौड़ाई 7 मीटर के जगह 3.30 मीटर, नाली निर्माण 140 मीटर बना ही नहीं मिला एवं नवनिर्मित पुल में दरारे दिखी।

संपूर्ण मामले की जांच कार्यवाही के दौरान एसडीएम ने ग्रामीणों से बताया कि जल्द ही 5 तारीख तक दो मोटर बोट लाइटिंग व नवीन पुल निर्माण का प्रस्ताव शासन तक भेजा गया है। इस मामले की बारिकी से जांच कर गड़बड़ी करने वाले सेतु निगम के विरुद्ध विधिवत बाहर की टीम द्वारा उच्च स्तरीय जांच करवाने कलेक्टर सूरजपुर को रिपोर्ट सौंप देंगे, जिससे सख्त से सख्त कार्यवाही हो सके। जगन्नाथ वर्मा के उक्त बातों के समझाईश के बाद में चक्काजाम ग्रामीणों द्वारा समाप्त किया गया।

इस दौरान अनुज प्रताप सिंह, बिद्या सिंह बालदीप गुप्ता, अभय गुप्ता, संतोष यादव, सुनील सोनी, सुरेश चक्रधार, रामकेश चक्रधारी, राजेश केहरि, बलराम गुप्ता, अनिल सोनी, राम जायसवाल, अनिल खोखनिया, प्रमोद गुप्ता, मनीष प्रताप सिंह, रामचंद्र गुप्ता सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

जाम में फंसे पूर्व मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह
चक्काजाम के दौरान अंम्बिकापुर से अपने घर जा रहे पूर्व मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह भी इस जाम में घंटो फंसे रहे। अंततरू पूर्व मंत्री को भी ग्रामीणों का समर्थन करना पड़ा। उन्होंने ग्रामीणों को अपना समर्थन देते हुए उक्त मामले की गंभीरता से जांच कर कारवाई करने की मांग प्रशासन से की।


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