बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 12 की मौत, मतदान खत्म
पश्चिम बंगाल के 20 जिलों में पंचायत चुनावों के लिए मतदान हुआ खत्म। पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 12 लोगों की मौत।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के 20 जिलों में पंचायत चुनावों के लिए मतदान खत्म हो चुका है, लेकिन नामांकन के दिन से शुरु हुई हिंसा वोटिंग खत्म होने तक जारी रही, राज्य में चुनाव आयोग को कई जगहों से हिंसा की शिकायत मिली।
इस हिंसा में करीब 12 लोगों की मौत हो गई मुर्शिदाबाद में निर्दलीय उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई जबकि टीएमसी, बीजेपी और सीपीएम के कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं। चुनाव आयोग ने इसे लेकर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
पश्चिम बंगाल में सुबह सात बजे से 621 जिला परिषदों, 6 हजार 157 पंचायत समितियों और 31 हजार 827 ग्राम पंचायतों में चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई। पहले सब ठीक चल रहा था, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ मतदान केंद्रों से हिंसा की खबरें सामने आईं ..कई इलाकों से बम धमाके, मारपीट, मतदान पेटी जलाने,बैलेट पेपर फेंकने और फायरिंग जैसी हिंसक घटनाएं हुई।
इस हिंसा में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. मुर्शिदाबाद में निर्दलीय उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई, वहीं 24 नॉर्थ परगना के अमदंगा साधनपुर में पोलिंग सेंटर पर देशी बम से हमला हुआ, जिसमें 20 से अधिक लोग घायल हो गए।
कूचबिहार में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए, कूचबिहार में ममता सरकार के मंत्री रबींद्र नाथ घोष पर पोलिंग बूथ पर बीजेपी समर्थक को थप्पड़ मारने का भी आरोप लगा है। बिलकांडा में भी बीजेपी समर्थक राजू बिश्वास पर चाकू से हमला किया गया जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई है...राज्य चुनाव आयोग ने हिंसा की घटनाओं पर पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं वहीं हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
कांग्रेस ने भी हिंसा की कड़ी निंदा की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव में हिंसा निंदनीय है. लोकतंत्र में इसकी कोई जगह नहीं है। चुनाव आयोग 48 घंटे में जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे. फिर चाहे कोई भी हो।
आपको बता दें कि जब से राज्य में पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा की गई है तभी से राज्य में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही बीजेपी और सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे हैं...दोनों पार्टियों के लिए इस बार के मुकाबले की काफी अहमियत है क्योंकि पंचायत चुनाव के बाद अगले साल आम चुनाव होने हैं।


