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बोरवेल गड्ढे में गिरे प्रहलाद को बचाने के लिए बनाई जा रही सुरंग

मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरे चार साल के प्रहलाद को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग बनाई जा रही है और उम्मीद इस बात की जताई जा रही है कि देर रात तक अभियान पूरा हो सकता है

बोरवेल गड्ढे में गिरे प्रहलाद को बचाने के लिए बनाई जा रही सुरंग
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निवाड़ी। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरे चार साल के प्रहलाद को सुरक्षित निकालने के लिए सुरंग बनाई जा रही है और उम्मीद इस बात की जताई जा रही है कि देर रात तक अभियान पूरा हो सकता है। वहीं प्रहलाद के परिजन की हताशा व निराशा लगातार बढ़ती जा रही है। निवाड़ी जिले के सेतपुरा गांव में हरिकिशन का चार साल का बेटा प्रहलाद बुधवार की सुबह खेत में खोदे गए दो सौ फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था, उसके बाद से ही बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। दो सौ फुट गहरे खोदे गए बोरवेल के गड्ढे में लगभग 60 फुट की गहराई पर बच्चे के फंसे होने की संभावना है। उसी के चलते एनडीआरएफ, सेना और अन्य राहत व बचाव दल ने समानांतर 60 फुट का गहरा गड्ढा खोदा और साथ ही सुरंग बनाई जा रही है, ताकि बच्चे के करीब तक पहुंचा जा सके। इसके लिए रेलवे की मशीनों की मदद भी ली जा रही है।

जिलाधिकारी आशीष भार्गव ने संवाददाताओं को बताया है कि बोरवेल के गड्ढे के करीब तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई जा रही है। संभावना इस बात की है कि सुरंग बनाने का काम जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।

बताया गया है कि बोरवेल के गड्ढे तक पहुंचने के लिए 22 फुट की सुरंग बनाई जानी है और अभी तक 12 फुट की सुरंग बन चुकी है। उम्मीद इस बात की है कि सुरंग बनाने के साथ बच्चे को निकालने का अभियान देर रात तक पूरा हो जाएगा।

बच्चा जिस गड्ढे में गिरा है उसमें लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, वहीं कैमरे के जरिए उसकी हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। राहत और बचाव अभियान को लगभग 56 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया है और बीते लगभग 50 घंटे से बच्चा किसी भी तरह की हरकत करते नजर नहीं आया है।

वहीं दूसरी ओर प्रहलाद के परिजनों की हताशा बढ़ रही हैं, उनका कहना है कि राहत और बचाव अभियान में कुछ देर हुई है, प्रशासन लगातार यही कह रहा है कि राहत और बचाव काम चल रहा है। प्रहलाद का एक छोटा भाई है, जो डेढ़ साल का है।

एक तरफ राहत और बचाव कार्य चल रहा है, वहीं लोग मंदिरों में पूजा पाठ भी कर रहे हैं, हर तरफ यही कामना की जा रही है कि बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया जाए।


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