टोला गांव में खाप पंचायत की तर्ज पर ग्राम विकास समिति का तुगलकी फरमान
खैरागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत टोलागांव एक बार फिर विवाद में है

पूर्णिमा के दिन बोर मशीन सुधरवाई, समाज के ठेकेदारों ने कर दिया हुक्का पानी बंद
राजनांदगांव। खैरागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत टोलागांव एक बार फिर विवाद में है, इस बार पंचायत में घोटाले या रिश्वत की खबर नहीं खाप पंचायत की तर्ज पर ग्राम विकास समिति द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर समाज के तथाकथित ठेकेदारों द्वारा एक ग्रामीण का हुक्का पानी बंद कर देने की खबर है। पीड़ित ग्रामीण की गलती सिर्फ इतनी है कि उसने फसल बर्बाद होने के डर से पूर्णिमा के दिन ही अपनी खराब बोर मशीन को सुधरवा लिया।
जानकारी अनुसार गांव में बिना पंजीयन के गठित ग्राम विकास समिति द्वारा पीड़ित दुलेश्वर पिता धरमू साहू को एक तुगलकी फरमान की तर्ज पर मनचाहा अर्थदंड नहीं मिलने से नाराज समिति के सदस्यों ने पूरे परिवार का हुक्का पानी बंद करने का आदेश सुना दिया है।
घटना शुक्रवार 25 मई की रात की बताई जा रही है, जहां एकतरफा फैसला सुनाते हुये समिति के सदस्यों ने दुलेश्वर व उसके परिवार को गांव का नियम नहीं मानने की सजा दी है। मामले को लेकर पीड़ित ने एसडीएम, एसडीओपी और थानाध्यक्ष से लिखित में शिकायत की है।
बताया जा रहा है कि पीड़ित दुलेश्वर साहू ने बीते साल धान की फसल बर्बाद न हो इसलिये बिगड़े हुये अपने बोर पंप मशीन का सुधार कार्य करवा लिया था। बाद में उसे पता चला कि पूर्णिमा का दिन है। गांव के नियमों के मुताबिक समिति ने यह तय कर रखा है कि पूर्णिमा के दिन कोई भी गांव का व्यक्ति कोई काम-काज नहीं कर सकता या करवा सकता।
इसे अंधविश्वास से भी जोड़कर देखा जाता है और गांव में ऐसे दिनों को त्यौहार के रूप में माना जाता है। समिति की नाराजगी के बाद दुलेश्वर ने अपना पक्ष रखते हुये बताया कि उस दिन गांव के अन्य किसान भी फसलों को बचाने की नियत से अपने खेत-खलिहानों में काम कर रहे थे तो उसने भी हड़बड़ी में अपने बोर मशीन को सुधरवा लिया, लेकिन समिति ने द्वेष भाव रखते हुये सब पर 350 रूपये के हिसाब से आर्थिक दंड का निर्णय लिया।
सभी लोगों ने अर्थदंड समिति में अदा कर दिया, लेकिन दुलेश्वर ने इसे न्यायोचित नहीं मानते हुये अर्थदंड नहीं दिया जिसके बाद समिति के सदस्यों ने शुक्रवार 25 मई को आनन-फानन में बैठक आयोजित कर दुलेश्वर के खिलाफ हुक्का पानी बंद करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया।
मामले को लेकर पीड़ित पक्ष ने एसडीएम व पुलिस अधिकारियों से न्यायपूर्वक जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।


