किसान आत्महत्या को राजनैतिक रंग देने की कोशिश : अजय
संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कामरोको प्रस्ताव पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के आत्महत्या को राजनैतिक रंग देने की कोशिश हो रही है
जांजगीर। संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कामरोको प्रस्ताव पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि किसानों के आत्महत्या को राजनैतिक रंग देने की कोशिश हो रही है। किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वालों को 50 वर्षों तक कार्य करने का मौका मिला।
उन्होंने कहा कि किसानों को जाति के नाम पर विभाजित किया जा रहा है जिसके चलते आज देशभर के कांग्रेस 15 फीसदी में आ गई है। प्रदेश में किसानों को कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं दिया। जब कांग्रेस की सरकार थी किसानों पर लाठी चार्ज हुआ। पानी में डूब-डूबकर धान खरीदते थे। अजय चंद्राकर ने भाषण के बीच विपक्षी सदस्य बार-बार टोका-टाकी कर रहे थे। उन पर सदन में असत्य कथन का आरोप भी लगाया।
भूपेश बघेल, जोगी और किसानों दोनों के अशुभ रहे। विपक्ष पर तीखे हमले करते हुए संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद अवसाद का पता लगाने बिलासपुर में मानसिक चिकित्सालय शुरु किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में छग की छवि बिगाड़ने का अभियान चला रखा है। प्रदेश में सिंचाई सुविधा का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ऊपर जाकर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएंगे। पिछले वर्ष सरकार ने 69 लाख मेट्रिक टन धान किसानों से खरीदा। वर्ष 2003 में प्रदेश के किसान 14 फीसदी पर ब्याज लेते थे। आज 10 लाख 15 हजार किसानों ने शून्य फीसदी पर ब्याज लिया है। छग में भौतिक उन्नति हुई है। भाजपा विधायक मोतीराम चंद्रवंशी ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। कवर्धा के किसान ने पारिवारिक कारणों से आत्महत्या की है। सोसाइड नोट में उसने सम्मान के साथ मुख्यमंत्री का नाम लिया है।


