मप्र में राम वन गमन पथ के लिए ट्रस्ट बनेगा
मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ निर्माण के लिए ट्रस्ट बनेगा, इसमें साधु-संत और जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा

भोपाल। मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ निर्माण के लिए ट्रस्ट बनेगा, इसमें साधु-संत और जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। पथ निर्माण का दायित्व सड़क विकास निगम को सौंपा जाएगा। प्रथम चरण में 30 किलोमीटर अमरकंटक और 30 किलोमीटर चित्रकूट क्षेत्र से पथ का सर्वे कर निर्माण कार्य शुरू होगा। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को राम वन गमन पथ निर्माण की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रामपथ निर्माण कार्य में गति लाई जाए। पथ निर्माण क्षेत्र का सर्वे कार्य तत्काल पूरा करें। पथ के दोनों ओर पौधरोपण सहित जो भी सुविधाएं और सौंदर्यीकरण का कार्य है, उसकी भी योजना समय-सीमा में बनाई जाए।
भगवान राम 14 वर्षो के वनवास के दौरान मध्यप्रदेश के कई हिस्सों से होकर गुजरे थे, जिसे राम वन गमन पथ कहा जाता है। वनवास के दौरान भगवान राम जिन क्षेत्रों से गुजरे थे, उन स्थलों को विकसित करने की योजना पूर्ववर्ती सरकार के काल से बनाई जा रही है, जिस पर अमल नहीं हो पाया है। वर्तमान सरकार इस पर तेजी से काम करने के प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य में तेजी लाने पर जोर देते हुए कहा कि पथ निर्माण कार्य की सभी औपचारिकताएं त्वरित गति से पूरी हों। पथ निर्माण के लिए इस वर्ष बजट में 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अगले वर्ष भी राशि का पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राम वन गमन पथ निर्माण में तेजी लाने के लिए शीघ्र ही ट्रस्ट गठित किया जाए। ट्रस्ट में साधु-संतों के साथ जन-प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। इसके निर्माण के लिए भगवान राम के प्रति आस्था रखने वालों से आर्थिक सहयोग भी प्राप्त किया जाए। पथ का निर्माण ट्रस्ट की निगरानी में हो। मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट का प्रारूप शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण से जुड़े सर्वे आदि का दायित्व सड़क विकास निगम को देने के निर्देश दिए हैं। निगम अध्यात्म विभाग के मार्गदर्शन में कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान शासकीय, वन एवं निजी भूमि चिन्हित कर उसके अधिग्रहण सहित अन्य औपचारिकताएं शीघ्र पूरी की जाएं। पथ निर्माण की चौड़ाई कम से कम 8 फीट रखने को कहा। पथ गुणवत्ता और त्वरित गति से निर्माण कार्य के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश भी दिए।


