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ट्रंप के व्‍यवहार से लगता है वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं : मनोज कुमार झा

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज कुमार झा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है कि ट्रंप के व्‍यवहार से लगता है कि वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं हैं। गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि देश की संसद के माध्‍यम से ट्रंप को संदेश देना चाहिए कि भारत ने मध्‍यस्‍थता न अतीत में स्‍वीकार की है, न ही वर्तमान में स्‍वीकार करेंगे

ट्रंप के व्‍यवहार से लगता है वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं : मनोज कुमार झा
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नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज कुमार झा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है कि ट्रंप के व्‍यवहार से लगता है कि वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं हैं। गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि देश की संसद के माध्‍यम से ट्रंप को संदेश देना चाहिए कि भारत ने मध्‍यस्‍थता न अतीत में स्‍वीकार की है, न ही वर्तमान में स्‍वीकार करेंगे।

राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, "आज अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यवहार और आचरण को देखकर ऐसा नहीं लगता कि वे मानसिक रूप से स्थिर हैं। लेकिन मेरी चिंता दूसरे स्तर पर है। कल हमारे विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ब्रीफिंग की और उसके कुछ ही देर बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा बयान दिया जो बहुत ही तर्कहीन लग रहा था। इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि लोग इसे इतनी गंभीरता से क्यों लेते हैं? हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संसद बैठती है और हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होती है। देश और इसकी संसद को अमेरिकी राष्ट्रपति को एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए, 'यहां आपका कोई काम नहीं है।' हमने मध्‍यस्‍थता न अतीत में स्‍वीकार की है, न ही वर्तमान में स्‍वीकार करेंगे। लेकिन इसके लिए प्‍लेटफॉर्म देश की संसद होनी चाहिए।"

उन्‍होंने कहा कि मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है। ऐसे में तो ट्रंप से बड़ा कद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का है। नेतन्‍याहू शांति के झंडावरदार हैं; वे गाजा और ईरान में शांति का संदेश दे रहे हैं। वैश्विक स्थिति बड़ी जटिल होती जा रही है, इसीलिए संसद में साझा स्‍वर के अलावा हमें अपनी विदेश नीति और कूटनीति को ज्‍यादा बढ़ाना होगा।"

वहीं, प्रधानमंत्री के बिहार के सिवान दौरे पर उन्‍होंने कहा कि वह देश के पीएम हैं, कहीं भी जा सकते हैं। जाहिर तौर पर चुनावी मौसम में आना-जाना और तेज हो जाता है। इस दौरान गमछा, लिट्टी और सत्‍तू घोरने के विजुअल्‍स भी देखने को मिलेंगे। लेकिन सबसे महत्‍वपूर्ण बिहार के युवाओं को नौकरी की चुनौती है; पीएम मोदी को इस पर बोलना होगा। तेजस्वी यादव ने सामाजिक सुरक्षा में बढ़ोतरी, बदहाल स्‍वास्‍थ्‍य व्यवस्था और कानून व्‍यवस्‍था जैसे चुनाव के मुद्दों को लेकर एक लकीर खींची है; इस पर पीएम को बोलना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि तेजस्‍वी के सिर पर लालू ने ताज नहीं रख दिया था। 2015 में राघवपुर में चुनाव हर घर दस्‍तक देकर लड़ा, जीते और 2020 में उससे भी ज्‍यादा संख्‍या में विधायक लेकर आए। तेजस्‍वी के परिवार का कोई नामित नहीं हुआ है बल्कि चयनित है।


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